3 नए एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा Delhi-NCR, सफर में बचेगा आधा समय, एक का काम 2028 में होगा पूरा

Delhi-NCR - एनएचएआई और सड़क परिवहन मंत्रालय ने दिल्ली-एनसीआर में सफर को आसान बनाने के लिए नए प्लान पर काम शुरू कर दिया है। कहा जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर को नए तीन एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि इनमें से एक काम 2028 तक पूरा हो गया....
 

The Chopal , Delhi NCR : नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और सड़क परिवहन मंत्रालय ने दिल्ली-एनसीआर में सफर को आसान बनाने के लिए नए प्लान पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे को जोड़ा जाएगा। इसके लिए तीन नए एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे।

ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की तर्ज पर नया एनसीआर रिंग एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। वहीं, हापुड़ और बुलंदशहर से जोड़ने जेवर एयरपोर्ट से नेशनल हाईवे-9 तक 60 किलोमीटर लंबा कनेक्टर एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इसके अलावा फरीदाबाद- नोएडा-गाजियाबाद होते हुए दिल्ली में सिंघु बॉर्डर तक बनने वाले एक्सप्रेसवे पर भी काम तेजी से शुरू करने की योजना पर भी काम चल रहा है।

मौजूद एक्सप्रेसवे पर दबाव कम होगा

बीते वर्ष एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने दिल्ली के बाहर एनसीआर की सीमा में दो नए रिंग रोड बनाने का सुझाव दिया था। इनमें से एक पर एनएचएआई काम कर रही है। इसकी लंबाई करीब 500 किलोमीटर होगी। एनएचएआई 2028 तक यह एक्सप्रेसवे बनाने के लिए संभावनाएं तलाश रहा है। एनएचएआई के अनुसार, अगल पांच वर्षों में मौजूदा एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव दो गुना होगा। नया एक्सप्रेसवे बन जाने से वाहनों का दबाव कम हो जाएगा।

गंगा एक्सप्रेसवे हरिद्वार तक जाएगा

प्रयागराज से मेरठ तक गंगा एक्सप्रेसवे बन रहा है। एनएचएआई ने अपनी अगली योजना में गंगा एक्सप्रेसवे को हरिद्वार तक बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके बनने से बड़ा औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने में मदद मिलेगी। साथ ही शहरों के अंदर वाहनों का दबाव खत्म होगा। उधर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण का काम चल रहा है। इसे गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इसके लिए चार किलोमीटर लंबी कनेक्टिंग रोड बनाई जाएगी।

नोएडा और गाजियाबाद को भी फायदा

जेवर एयरपोर्ट से एनएच-9 को जोड़ने के लिए बनने वाले कनेक्टर का फायदा नोएडा और गाजियाबाद के लोगों को भी होगा। मेरठ, हापुड़, बिजनौर, अमरोहा समेत पश्चिमी यूपी के एक बड़े हिस्से से आने वाले लोग बिना गाजियाबाद-नोएडा आए सीधे जेवर पहुंच जाएंगे। इससे नोएडा और गाजियाबाद में वाहनों का दबाव कम होगा।

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