Delhi News : राजधानी दिल्ली में इस इलाके के लोग हुए निहाल, खर्च होंगे 300 करोड़

Delhi News : हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि दिल्ली में एक और नया सिविक सेंटर अगले चार वर्ष की अवधि में बनकर तैयार होगा। इस सेंटर के बनने से सबसे ज्यादा लाभ द्वारका और आसपास के क्षेत्रों के रहने वाले लोगों को होगा। आइए नीचे खबर में जान लेते है इस रिपोर्ट से जुड़ी पूरी डिटेल। 

 

The Chopal, Delhi News : दिल्ली में एक और नया सिविक सेंटर अगले चार वर्ष की अवधि में बनकर तैयार होगा। दिल्ली नगर निगम ने द्वारका में नए सिविक सेंटर के निर्माण की परियोजना तैयार की है। लोकसभा चुनाव के खत्म होने के बाद इस नए सिविक सेंटर की इमारत को तैयार करने का कार्य शुरू हो जाएगा।

इस सेंटर के बनने से सबसे ज्यादा लाभ द्वारका और आसपास के क्षेत्रों के रहने वाले लोगों को होगा। इसमें पश्चिमी दिल्ली के विभिन्न इलाके, द्वारका के कई सेक्टर और दक्षिणी दिल्ली व बाहरी दिल्ली के निवासियों को भी होगा। 

40 लाख से अधिक लोगों को फायदा-

अधिकारियों के अनुसार नए सेंटर के निर्माण होने से 40 लाख से अधिक लोगों को फायदा होगा। अभी लोगों को दूर दराज इलाकों से नई दिल्ली में रामलीला मैदान के पास निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में कई कार्य के लिए आना पड़ता है। निगम की विभिन्न सेवाओं ऑनलाइन मौजूद हैं। लेकिन इमारतों के नक्शे पास कराने, स्वास्थ्य व्यापार लाइसेंस के नवीनीकरण जैसी सेवाओं के लिए निर्धारित दस्तावेजों को समझने के लिए लोग सिविक सेंटर में आते हैं। 

लोगों को होगी सुविधा-

इसके अलावा महापौर व उपमहापौर, आयुक्त से मिलने के लिए भी कई बाजार संघ व अन्य एसोसिएशन के प्रतिनिधि निगम मुख्यालय में आते हैं। ऐसे में द्वारका में नए सिविक सेंटर के बनने के बाद आसपास के क्षेत्र के निवासियों व आरडब्ल्यूए, बाजार संघ के प्रतिनिधियों को नई दिल्ली में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वह द्वारका के सिविक सेंटर में जाकर विभागों के अधिकारियों से मिल सकेंगे। 

300 करोड़ रुपये से अधिक आएगी लागत-

अधिकारियों के अनुसार 15 मंजिला नए सिविक सेंटर का पहला चरण दिसंबर 2026 तक बनकर तैयार होगा। इस सेंटर का पूरा काम अगले चार वर्ष में पूरा करने की रणनीति बनाई है। जून के अंत से सेंटर के निर्माण कार्य को शुरू करेंगे। इसमें निगम के सभी विभागों के कार्यालय मौजूद रहेंगे। इस सेंटर पर 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आएगी। इसकी छत पर सोलर पैनल भी लगाए जाएंगे। जिससे निगम बिजली उत्पन्न करके उसे बिजली कंपनियों को देगा।