Dry Fruits : यहां काजू मिल रहे 20 से 30 रुपये तक किलो, लोग झोला लेकर कर रहे खरीददारी

Dry Fruits : लोग ड्राई फ्रूट्स खाना अधिक पसंद करते हैं क्योंकि सर्दी का सीजन चल रहा है। डिमांड बढ़ने के साथ ड्राई फ्रूटस की कीमतें सातवें आसमान पर चली जाती हैं। अगर आप सस्ता काजू चाहते हैं इसलिए आज हम आपको एक स्थान बताने जा रहे हैं जहां काजू 20 से 30 रुपये प्रति किलो मिलते हैं।
 

The Chopal (Dry Fruit In Cheapest Market) : ड्राई फ्रूट्स बहुत से खाने के लिए आवश्यक हैं। इसके अलावा, कुछ लोग दिन को ड्राई फ्रूट्स खाकर शुरू करते हैं। जबकि ड्राई फ्रूट्स शरीर के लिए कई पोषक तत्वों से भरपूर हैं, उनका स्वाद भी खाने की सुंदरता और स्वाद को बढ़ाता है। अब सर्दियों का मौसम है, इसलिए हमें थोक में कुछ ड्राई फ्रूट्स खरीदकर रखना चाहिए। क्योंकि इसके बाद सर्दियां आ जाएंगी और आप इन ड्राई फ्रूट्स को अपने शरीर को गर्मी देने के लिए खा सकेंगे। यही कारण है कि आज हम आपको दिल्ली के एक छोटे से ड्राई फ्रूट्स मार्केट में ले जाएंगे, जो एशिया भर में अपनी कम कीमतों से प्रसिद्ध है। इसकी बाजार कीमत 800 से 1000 रुपये प्रति किलोग्राम होती है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में एक स्थान है जो काजू को 30 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम में बेचता है।

जामताड़ा, भारत की फिशिंग राजधानी, झारखंड में है। यहीं लोकप्रिय ड्राई फ्रूट काजूम बहुत सस्ता है। जामताड़ा का फिशिंग स्कैम भी वेब सीरीज का विषय है।

जामताड़ा से सिर्फ चार किलोमीटर दूर एक गांव है जिसे झारखंड का काजू शहर कहा जाता है। 20-30 रुपये प्रति किलोग्राम के काजू आसानी से इस गांव में मिल सकते हैं। इस मूल्य पर सब्जियां मिल सकती हैं।

काजू की कीमत इतनी कम क्यों है?

एक रिपोर्ट के अनुसार, गांव के ग्रामीणों ने 50 एकड़ के क्षेत्र में काजू की खेती की है, जो नाला में काजू इतनी सस्ती कीमत पर बेचने की मुख्य वजह है। नाला गांव की मिट्टी और जलवायु को 2010 के आसपास काजू की खेती के लिए अनुकूल पाया गया, जिससे सभी को काजू बागान की जानकारी मिली।

फिर वहाँ काजू की खेती बड़ी मात्रा में होने लगी। जैसे ही पौधों में काजू के फल लगते हैं, किसान उन्हें इकट्ठा कर लेते हैं और सड़क पर औने-पौने दाम पर बेच देते हैं। यह स्थान बहुत विकसित नहीं है, इसलिए ग्रामीण काजू बहुत सस्ता है।

सूत्रों ने बताया कि आईएएस कृपानंद झा जामताड़ा के डिप्टी कमिश्नर थे और नाला की मिट्टी और जलवायु दोनों काजू की खेती के लिए अनुकूल थीं। इस तरह, उन्होंने काजू के पेड़ लगाने के लिए कुछ कृषि वैज्ञानिकों से बातचीत की।

बाद में वन विभाग ने पहल की और नाला में पांच सौ एकड़ में काजू के पौधे लगाए। झारखंड में तब से काजू की खेती की जाती है। लेकिन कहा जाता है कि इससे किसानों को कोई लाभ नहीं होता क्योंकि वे इतनी कम कीमत पर काजू बेचते हैं।

यह मार्केट ड्राई फ्रूट्स के लिए प्रसिद्ध है और इसका नाम खारी बावली है। थोक ड्राई फ्रूट्स बेचने के लिए ये बाजार पूरे एशिया में प्रसिद्ध हैं। वास्तव में, यहाँ सबसे सस्ता ड्राई फ्रूट मिल सकता है। यहाँ आप कई तरह के ड्राई फ्रूट्स मिलेंगे और उनकी क्वालिटी बेहतर होगी। यहां ड्राई फ्रूट्स अफगानिस्तान, ईरान, तजाकिस्तान और अमेरिका से आयात किए जाते हैं। यहां एक हजार रुपये या इससे कम में आप अंजीर, किशमिश, मुनक्का, अखरोट, सूखी खुबानी, पिस्ता, केसर, छुहारा, खजूर, बादाम और काजू खरीद सकते हैं।  तो आप यहां ड्राई फ्रूट्स खरीदकर अपनी जेब में ले जा सकते हैं।

मार्केट सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है

संडे को छोड़कर आप किसी भी दिन सुबह 10 बजे से रात 9 बजे के बीच किसी भी समय खारी बावली जा सकते हैं। बस याद रखें कि ये संडे को बंद रहेंगे।

कैसे खारी बावली पहुंचे?

यदि आप खारी बावली जाना चाहते हैं, तो चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर पहुंचें. फिर, यहां से रिक्शा लेकर खारी बावली जाना होगा। चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन से भी यहां पैदल जा सकते हैं। यहां पहुंचने में लगभग दस मिनट लगेंगे। इसके अलावा, आपको बता दें कि ये बाजार न सिर्फ ड्राई फ्रूट्स के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि चावल, चायपत्ती और कई प्रकार के मसाले भी थोक मूल्य पर उपलब्ध हैं।

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