अफीम माफियाओं के चलते जिले में बढ़े खाद के रेट, किसानों के लिए खेती करना बना चुनौती

अवैध अफीम उत्पादन करने वाले माफियाओं और किसानों के कारण आम किसानों को काफी ज्यादा मुसीबत का सामना भी करना पड़ा है।
 

The Chopal - आप कि जानकारी के लिए बता दे की जिले में अवैध अफीम उत्पादन करने वाले माफियाओं और किसानों के कारण आम किसानों को काफी ज्यादा मुसीबत का सामना भी करना पड़ा है। दरअसल, अवैध अफीम की खेती करने वाले किसानों और माफिया दुकानदारों से खाद खरीदने के लिए उच्च कीमतें भी दे रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आम किसानों को उचित मूल्य पर खाद नहीं मिल रहा है। किसानों को फसल लगाने में बहुत ज्यादा मुश्किल भी होने लगी है।

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रबी फसलों के किसानों ने इस बरसात में अपने खेतों को जोत कर तैयार कर लिया है, लेकिन खाद की कमी से खेत अब वीरान हैं। जबकि बड़े किसानों के खेत फसल से भरे हैं, गरीब किसानों के खेत खाद की कमी के कारण खाली हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अफीम उत्पादन करने वाले किसान खाद बेचने वालों से उच्च मूल्य पर खाद खरीद रहे हैं। वहीं, कुछ खाद की कीमत इतनी अधिक है कि सामान्य किसान चाह कर भी नहीं खरीद पा रहे हैं।

जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा

जिला प्रशासन को खाद के बढ़े दामों की कोई जानकारी नहीं है। एसडीओ अनिकेत सचान ने कहा कि बड़े पैमाने पर खरीदे जा रहे खाद और परिवहन की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने खूंटी के लोगों से अपील की है कि वे ऊंचे मूल्यों पर खाद बेचने वाले कारोबारियों की सूचना दें, ताकि जिला प्रशासन कार्रवाई कर सके और किसानों को सही मूल्य पर खाद मिल सके। उनकी अपील है कि सूचना देने वाले लोगों की पहचान गुप्त रखी जाएगी।

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खाद की कीमत 8000 तक पहुंच गई

खूंटी के तीन प्रखंडों, मुरहु, खूंटी और अड़की में अवैध अफीम की खेती व्यापक रूप से होती रही है और इसका दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। सितंबर से अगस्त तक, अफीम माफिया खेतों को तैयार करने और खाद और अन्य सामग्री खरीदने लगते हैं। यही कारण है कि पहले हजार से बारह सौ रुपये में खरीदा गया गोबर खाद आज पांच हजार से आठ हजार रुपये में बिक रहा है, लेकिन प्रशासन इसकी कोई चिंता नहीं करता। इससे किसानों को खेती करना मुश्किल हो गया है।