त्योहारी सीजन के चलते बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार ने कस ली कमर, किया ये फैसला  
 

केंद्र सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों को रोका है। उसने गेहूं की मात्रा को कम कर दिया है। इसका अर्थ है कि व्यापारी, थोक विक्रेता और चेन रिटेलर अब स्टॉक लिमिट से अधिक गेहूं नहीं भंडार सकते।
 

The Chopal - केंद्र सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों को रोका है। उसने गेहूं की मात्रा को कम कर दिया है। इसका अर्थ है कि व्यापारी, थोक विक्रेता और चेन रिटेलर अब स्टॉक लिमिट से अधिक गेहूं नहीं भंडार सकते। यदि वे 2,000 टन से अधिक गेहूं का भंडार रखते हुए पाए जाते हैं, तो वे जमाखोरी कर रहे हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

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केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी को रोका है, खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा। उनका कहना है कि गुरुवार से व्यापारी, थोक विक्रेता और बड़ी चेन रिटेलर 2,000 टन से अधिक गेहूं का स्टॉक नहीं रख सकेंगे।

गेहूं की कीमत चार प्रतिशत बढ़ी है

12 जून, 3 महीने पहले, केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट निर्धारित की थी। तब उसने कहा कि गेहूं कारोबारी मार्च 2024 तक 3,000 टन गेहूं स्टॉक कर सकते हैं। लेकिन गेहूं महंगा होने से खाद्य पदार्थों की कीमतें भी बढ़ीं। कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकार ने गेहूं की मात्रा को कम कर दिया। खास बात यह है कि NCDEX पर गेहूं की कीमत में पिछले महीने 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो अब 2,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।

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दलहनों को भी स्टॉक सीमा निर्धारित की गई थी

मानसून के आगमन से देश में महंगाई बढ़ी है। गेहूं, चावल, चीनी और अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ गई हैं। विशेष रूप से, अरहर दाल सबसे महंगी है। इसकी कीमत पिछले एक वर्ष में 45 प्रतिशत बढ़ी है। यानि इसका मूल्य 40 रुपये प्रति किलो से अधिक हो गया है। दिल्ली में अरहर दाल की कीमत अब 155 से 160 रुपये प्रति किलो है। यही कारण है कि पिछले महीने केंद्र सरकार ने दलहनों की स्टॉक लिमिट भी निर्धारित की थी।