1 बीघा खेत में कमाएं 50 हजार रुपए , इस तरह करें गुलखैरा की खेती
1 बीघा खेत में कमाएं 50 हजार रुपए , इस तरह करें गुलखैरा की खेतीगुलखैरा की खेती का समय
गुलखैरा की फसल को तैयार करने में लगभग 6 से 7 महीने का समय लगता है। इसका एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि इसे किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है। गुलखैरा की बुआई के लिए बेहतरीन समय नवंबर महीना होता है, जब खेत में बीज बोते जाते हैं। फसल अप्रैल-मई महीने तक पूरी तरह से तैयार हो जाती है। तैयार पौधों के फूल तोड़कर पौधों को खेत में ही छोड़ देना चाहिए। धीरे-धीरे, पत्तियां और तने सूख जाते हैं और उन्हें साफ-सफाई करके बाजार में बेचा जा सकता है।
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गुलखैरा की खेती के कारण
गुलखैरा की खेती का क्रेज उसके औषधीय गुणों के कारण बढ़ रहा है। पहले इसे सजावटी पौधा माना जाता था, लेकिन इसके बाद इसके औषधीय प्रभावों की पहचान हो गई। गुलखैरा के पौधों के फूल, पत्तियां, तने, जड़ और बीज का उपयोग विभिन्न दवाओं में होता है। यह बुखार, खासी, और अन्य बीमारियों के इलाज में अत्यधिक प्रभावी सिद्ध होता है।
गुलखैरा की खेती से प्राप्त फायदे
गुलखैरा की खेती से किसानों को बहुत अच्छा मुनाफा होता है। एक बीघा खेत में लगभग 5 से 6 क्विंटल की उपज होती है, जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। बाजार में गुलखैरा की कीमत प्रति क्विंटल 10 से 12 हजार रुपये होती है, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा होता है।
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