Expressway: भारत का दूसरा लंबा एक्सप्रेसवे, स्टेयरिंग पर हाथ रखते ही नाप देंगे 4 राज्य मात्र 13 घंटे में

India Second Longest Expressway : देश में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए केंद्र सरकार एक से बढ़कर एक हाईवे प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही है। इन्हीं के साथ देश के चार राज्यों को जोड़ने के लिए 80 हजार करोड़ रुपए की लागत से अनोखे एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे को 2025 तक खुलने की संभावना जताई जा रही है। इस एक्सप्रेसवे को खोलने के बाद 26 घंटे का सफर मात्र 13 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। जिससे लोगों का समय के साथ फ्यूल खर्च में भी बचेगा।

 

Amritsar-Jamnagar Expressway : देश में केंद्र सरकार भारतमाला परियोजना के अंतर्गत देश के कोने-कोने को जोड़ने के लिए हाईवे और सड़कों का जाल बिछा रही है। इनमें से कुछ एक्सप्रेसवे को बनाकर वाहनों के लिए खोल दिया गया है। वहीं कुछ पर तेजी के साथ काम किया जा रहा है। कुछ मार्गों की लंबाई तो बेहद लंबी है वहीं कुछ की लंबाई छोटी है। जिनमें से देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे दिल्ली मुंबई है। तो वहीं पर दूसरे नंबर पर अमृतसर- जामनगर एक्सप्रेसवे है। इस एक्सप्रेसवे का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। जिसे आगामी वर्ष 2025 तक बनकर कंप्लीट करने की संभावना जताई जा रही है।

अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे देश के चार सबसे बड़े राज्यों को एक साथ जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से राजस्थान पंजाब हरियाणा और गुजरात की आपसी सीधी कनेक्टिविटी होंगी। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई करीबन 1257 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेसवे को बंनकर तैयार हो जाने के बाद 26 घंटे का सफर आधे समय में पूरा किया जा सकेगा। यानी की मात्रा 13 घंटे में लोग सीधे अपनी मंजिल तक पहुंच पाएंगे। जिससे लोगों का समय और फ्यूल खर्च बचेगा।

एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे

भारतमाला परियोजना के तहत एनएचआईए 1224 किलोमीटर इस एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को चार से 6 लेन में तैयार कर रहा है। इस हाईवे का 915 किलोमीटर हिस्सा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट पर निर्मित हो रहा है, जबकि शेष मौजूदा नेशनल हाईवे को अपग्रेड करके बनाया जाएगा। साल 2019 में शुरू हुए निर्माण को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

खासकर, सड़क हादसे रोकने के लिए एक्सप्रेसवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जा रहा है। वर्तमान गाइडलाइंस में इसकी स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है। प्रत्येक 1 किलोमीटर की दूरी पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स सिस्टम होगा, जिसमें कॉल करते ही एंबुलेंस और पेट्रोल आदि आपके लोकेशन पर आसानी से चंद मिनटों में पहुंच जाएगा।

अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे रूट मैप

खास बात ये है कि अमृतसर-जामनगर के बीच की दूरी 1430 किमी से घटकर 1257 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे 26 घंटे का सफर अब महज औसत स्पीड से मात्र 13 घंटे में पूरी कर ली जाएगी। इसे दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। फिलहाल, यह राज्य के हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और जालौर जिले से होकर जामनगर (गुजरात) और उधर पंजाब की ओर बढ़ेगा। अगर, शहरों की बात करें तो इधर, भठिंडा, चौटाला, रासीसर, देवगढ़, सांचौर, संतालपुर और मालिया शहर को आपस में कनेक्ट करेगा।

राजस्थान में अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे की लंबाई

अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे देश के सबसे लंबे इकनॉमिक कॉरिडोर में से एक है। इस एक्सप्रेसवे का सहसे लंबा हिस्सा करीब 636 किलोमीटर राजस्थान में है, जो हनुमानगढ़ जिले के जाखाडावाली गांव से जालौर जिले के गांव खेतलावस तक फैला है।

1257 किलोमीटर अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे परियोजना की लागत 80,000 करोड़ है। एनएचएआई इसको 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इस एक्सप्रेसवे 
के खुलने से गुजरात से अमृतसर तक सफर आसान होगा। इसके अलावा एक्सप्रेसवे के किनारे उद्योग धंधों लगाए जाएंगे, जिससे लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। साथ एक्सप्रेसवे के किनारे बड़ी संख्या में ढाबे और रेस्टोरेंट खोले जाएंगे, जिससे आसानी से यात्रियों को भोजन की व्यवस्था हो सके। 

बड़ी संख्या में ऐसी व्यवस्थाएं होने से स्थानीय लोगों को स्थायी और अस्थाई तौर पर रोजगार उपलब्ध होगा। एक्सप्रेसवे के किनारे रियल स्टेट के भी दिन बहुरेंगे। यहां जमीनों की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिलेगा। इससे 4 राज्यों की आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को गति मिलेगी।