Expressway : पार्क जैसी फील देगा ये एक्‍सप्रेसवे, लगेंगे 13 लाख पेड़, 150 की स्‍पीड से दौड़ेगी कार

Expressway: देश के दो बड़े शहरों को जोड़ने वाला यह राजमार्ग कई मायनों में विशिष्ट होगा। सैकड़ों किलोमीटर लंबी राजमार्ग की दोनों ओर लगभग 13 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। वर्तमान में 16 घंटे का सफर 8 घंटे में पूरा हो जाएगा।

 

The Chopal : हम बात कर रहे हैं समृद्धि एक्सप्रेसवे, जो मुंबई से नागपुर के बीच बनाया जा रहा है। 701 किलोमीटर लंबा राजमार्ग अभी 6 लेन का बनाया जा रहा है, लेकिन आगे 8 लेन होगा। इस पर कार को 120 km/h की रफ्ता से चलाया जा सकता है। सबसे खास बात ये है कि इस एक्सप्रेसवे पर जल्दी ही 150 km/h की स्पीड मिलेगी। यह देश का सबसे तेज एक्सप्रेसवे होगा क्योंकि अधिकांश एक्सप्रेसवे अभी 120 किलोमीटर प्रति घंटा ही चलते हैं। मार्ग का अधिकांश हिस्सा पहाड़ों के बीच से गुजरता है, इसलिए आप 100 की स्पीड में गाड़ी चला सकते हैं।

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8 सीटर वाहनों के लिए यह स्पीड लिमिट है। इससे अधिक कैपिसिटी वाली गाडि़यों के लिए 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड लिमिट है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में 80 किलोमीटर रह जाएगी. यह तैयार होने के बाद दोनों शहरों के बीच पड़ने वाले दस अतिरिक्त जिलों को लाभ होगा। नागपुर, वर्धा, अमरावती, वासिम, बुलढाना, जालना, औरंगाबाद, नासिक, अहमदनगर और थाणे इसमें शामिल हैं। इसके अलावा 14 और जिले भी इसमें शामिल हो जाएंगे। इस एक्सप्रेसवे को बनाने में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।

2024 के आखिर तक, एक्सप्रेसवे का अधिकांश भाग ट्रैफिक के लिए खुला रहेगा। 12.68 लाख पेड़ अब दोनों ओर लगाए जा रहे हैं। इससे शिरडी और त्रयंबकेश् वर जाना काफी आसान होगा। शिरडी एक्सप्रेसवे से 5 किलोमीटर दूर है, जबकि त्रयंबकेश् वर शिव मंदिर 14 किलोमीटर दूर है। रास्ते में 65 फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं। 24 इंटरचेंज, छह टनल (सुरंगे), 300 अंडरपास, 400 पैदल यात्रियों के लिए अंडरपास और 400 जानवरों के लिए अंडरपास भी बनाए जा रहे हैं। यह एक्सप्रेसवे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने में काफी मदद करेगा।

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2024 के आखिर तक, एक्सप्रेसवे का अधिकांश भाग ट्रैफिक के लिए खुला रहेगा। 12.68 लाख पेड़ अब दोनों ओर लगाए जा रहे हैं। इससे शिरडी और त्रयंबकेश् वर जाना काफी आसान होगा। शिरडी एक्सप्रेसवे से 5 किलोमीटर दूर है, जबकि त्रयंबकेश् वर शिव मंदिर 14 किलोमीटर दूर है। रास्ते में 65 फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं। 24 इंटरचेंज, छह टनल (सुरंगे), 300 अंडरपास, 400 पैदल यात्रियों के लिए अंडरपास और 400 जानवरों के लिए अंडरपास भी बनाए जा रहे हैं। यह एक्सप्रेसवे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने में काफी मदद करेगा।