FNG Expressway : फरीदाबाद -नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे, 34 वर्ष पहले हुआ था पास, जानें कहां अटका है काम

FNG Expressway : आपको बता दें कि फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे आज भी उसका काम खत्म होने के इंतजार में है।  34 साल पहले इसका प्रस्ताव रखा गया था लेकिन आज तक यह चालू नहीं हो पाया है.
 

The Chopal : फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (FNG) एक्सप्रेसवे आज भी उसका काम खत्म होने के इंतजार में है. 34 साल पहले 1989 में इसका प्रस्ताव रखा गया था लेकिन आज तक यह चालू नहीं हो पाया है. खबरों की माने तो इसकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा फरीदाबाद प्रशासन है. वहीं, नोएडा में इसका अधिकांश काम पूरा हो चुका है लेकिन वहां भी इसका एक हिस्सा अधूरा है.

यह एक्सप्रेसवे फरीदाबाद और गाजियाबाद को जोड़ता है. इसकी कुल लंबाई 43 किलोमीटर है. इसके लिए 1989 में 1000 करोड़ रुपये का बजट भी एलोकेट किया गया था. हालांकि, कई अड़चनें सामने आती गईं और यह एक्सप्रेसवे अभी 70 फीसदी ही बन पाया है. इस रास्ते के तैयार हो जाने से गाजियाबाद, फरीदाबाद और नोएडा तीनों शहरों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. दरअसल, फिलहाल फरीदाबाद वालों को नोएडा या गाजियाबाद जाने के लिए दिल्ली से होकर गुजरना पड़ता है. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से वह बगैर दिल्ली में प्रवेश किए एक दूसरे शहर जा सकेंगे. इससे दिल्ली में वाहन प्रदूषण पर भी बहुत हद तक लगाम लगेगी.

कहां फंस रहा पेंच

जानकारों की मानें तो फरीदाबाद और नोएडा के बीच एक ओवरब्रिज बनना है जिसे लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच सहमति नहीं बन पा रही है. नोएडा सेक्टर 168 और फरीदाबाद को जोड़ने के लिए यह ओवरब्रिज बनना है जिस पर काम अभी तक शुरू ही नहीं हुआ हैं. इसके अलावा गाजियाबाद में भी एक्सप्रेसवे का काम नहीं हो रहा है. नोएडा में सेक्टर 88 से 143 तक एलिवेटेड सेक्शन का काम बाकी है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर एक अंडरपास भी बनना है जिसका काम अभी तक नहीं हुआ है.

बन जाने से क्या फायदा होगा

अगर यह एक्सप्रेसवे बन जाता है तो दिल्ली में वाहनों का दबाव कम होगा. फरीदाबाद या गाजियाबाद में घर वाले लोग बड़ी आराम से डेली नोएडा से अप-डाउन कर सकेंगे. अभी उन्हें काफी ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में उछाल देखने को मिलेगा. फरीदाबाद में नहरपार, जिसे ग्रेटर फरीदाबाद भी कहते हैं, में वृद्धि देखने को मिलेगी.

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