Food Secretary: गेहूं-चावल-चीनी जैसी खाद्य चीज़े नहीं होगी महंगी! सरकार ने सुनाई खुशखबरी 

Food Secretary Update:खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि देश में गेहूं, चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति पर्याप्त है और सरकार काला बाजारी करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है.

 

Wheat, Sugar, Edible Oil Price: खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने देशभर में खाद्य सामान की आपूर्ति को लेकर सुरक्षितता दिखाई है और आगामी त्योहारों के समय खाद्य सामान की कीमतों को काबू में रखने की कोशिश की जा रही है। वह इसे चावल, गेहूं, चीनी, और खाद्य तेल जैसे महत्वपूर्ण खाद्य सामान के लिए भी बताते हैं। उन्होंने इसे दरकिनार करने वाले व्यापारियों पर कड़ी नजर रखने की बात कही है ताकि इन खाद्य वस्तुओं की कीमतें ना बढ़ें।

चोपड़ा ने बताया कि सरकार हमेशा जरूरत पर कदम उठाती है और उदाहरण के तौर पर तत्काल प्रभाव से व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं के लिए भंडार सीमा को कम किया है। उन्होंने खुदरा कीमतों को वर्तमान में स्थिर बताया है और चीनी की उपलब्धता को भी सुनिश्चित किया है।

चोपड़ा ने बताया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुई अच्छी बारिश के कारण गन्ने का उत्पादन बेहतर रह सकता है और गेहूं के मामले में भी पर्याप्त भंडार है। वे बताते हैं कि सरकार त्योहारों के लिए तैयार है और इसके अंतर्गत 25 लाख टन चीनी जारी की गई हैं।

चोपड़ा के मुताबिक, इसका कारण यह है कि इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक और महाराष्ट्र में अच्छी बारिश हुई है और हमें उम्मीद है कि इससे गन्ने का उत्पादन बेहतर रहेगा. 

गेहूं के बारे में सचिव ने कहा कि देश में इसका पर्याप्त भंडार है और खुदरा कीमतें वर्तमान में औसतन 30 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश लगाने और कीमतों को काबू में रखने के लिये व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं पर भंडार सीमा को और कम कर दिया है. चोपड़ा ने कहा कि 31 अगस्त की स्थिति के मुताबिक, सरकार के पास 255 लाख टन गेहूं का भंडार था, जबकि जरूरत 202 लाख टन की है. परिस्थिति के मुताबिक सरकार खुले बाजार में गेहूं की आक्रामक तरीके से बिक्री की जा सकती है.

ये भी पढ़ें - अगर आप भी फंस गए लोन के जाल में तो ये ट्रिक आ सकती है आपके काम, जाने 

चावल के बारे में उन्होंने कहा कि इसके दाम में 10 फीसदी ग्रोथ को लेकर हम चिंतित हैं. कीमत वृद्धि का कारण नकारात्मक धारणा है, जो कुछ लोग बना रहे हैं. यह कहा जा रहा है कि इस साल मानसून इतना अच्छा नहीं रहा है और चावल का उत्पादन प्रभावित होने वाला है.

सचिव ने कहा है कि यह सिर्फ कुछ लोगों की तरफ से नकारात्मक रूप से पैदा की जा रही धारणा है. मैं आपके माध्यम से यह बताना चाहूंगा कि फसल की स्थिति अच्छी है ... कमी जैसी कोई बात नहीं है.

चोपड़ा ने खाद्य तेल के बारे में कहा कि देश में वर्तमान में 37 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया है, जो पिछले साल के 27 लाख टन से अधिक है. कम वैश्विक कीमतों का फायदा उठाते हुए उद्योग ने इस साल रिकॉर्ड खाद्य तेल का आयात किया है. उन्होंने कहा है कि कुल मिलाकर हमारे पास अतिरिक्त भंडार है और परिणामस्वरूप, आने वाले दिनों में किसी प्रकार कमी या कीमतों में वृद्धि की आशंका नहीं है.

ये भी पढ़ें - आम आदमी की थाली से अब होगी दाल गायब, अरहर दाल हुई साल भर में 45 फीसदी महंगी