उत्तर प्रदेश के रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, रेलवे ने कीये ये बदलाव

रेलवे यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी वास्तव में, रेलवे ने एक नई गाइडलाइन जारी की है जो आपको बताती है कि ट्रेनों में लेटलतीफी को कम करने के लिए एक नया अभियान शुरू किया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों में पेंट्रीकार लगाने और सभी कोच संरचनाओं को समान बनाने के लिए तैयार है...।

 

UP News - ट्रेनों में लेटलतीफी को कम करने के लिए एक नया अभियान शुरू किया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों में पेंट्रीकार लगाने और सभी कोच संरचनाओं को समान बनाने के लिए तैयार है। परिचालन विभाग ने वाणिज्य विभाग को इसके लिए एक पत्र भेजा है।

इससे किसी रेक को एक मार्ग पर भेजा जा सकता है। शनिवार को भी ऐसा ही हुआ: गोरखपुर से दादर जाने वाली काशी एक्सप्रेस की रेक लगाकर कुशीनगर एक्सप्रेस को चलाया गया। कुशीनगर में 10 घंटे लेटने के बाद यह निर्णय लिया गया।

ऐसा होने से ट्रेनों की लेटलतीफी समाप्त हो जाएगी। आप इस तरह इसे समझ सकते हैं। यदि कुशीनगर और गोरखधाम एक्सप्रेस की कोचिंग संरचनाएं समान होती तो, कुशीनगर की रेक पहले से ही यार्ड में खड़ी होकर रवाना होती।

कुशीनगर एक्सप्रेस आने पर रेक को गोरखधाम बनाकर अगले दिन शाम को दिल्ली भेजा जाता। परिचालन विभाग द्वारा भेजे गए पत्र के बाद, वाणिज्य विभाग कोच संरचना को बराबर करने पर विचार कर रहा है। उम्मीद है कि इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा और लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए एक विशिष्ट कोच संरचना बनाई जाएगी। 

इसलिए वर्तमान समस्या-

वर्तमान में, एक ट्रेन की रेक को दूसरी में नहीं रवाना किया जा सकता क्योंकि कोच संरचना अलग नहीं है। दरअसल, एक ट्रेन में AC-3 के चार कोच हैं, तो दूसरी में तीन, और AC-2 के तीन कोच हैं, तो दूसरी में दो। फर्स्ट एसी हर जगह है। पेंट्रीकार हर जगह नहीं है। विभिन्नताओं को दूर करके ट्रेनों की संरचना को समान बनाया जाएगा ताकि ट्रेनों के लेट होने पर मौजूद रैक को चलाया जा सके।

कुशीनगर और दादर एक्सप्रेस दोनों की कोच संरचना एक समान है—

गोरखपुर से एलटीटी जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस और गोरखपुर से दादर जाने वाली काशी एक्सप्रेस दोनों की कोच संरचना एक समान है। जैसे, कुशीनगर में ABC-3, ABC-2 और ABC First में जितने स्लीपर हैं, काशी एक्सप्रेस में भी उतने ही हैं। दोनों में पेंट्रीकार है। शनिवार को कुशीनगर एक्सप्रेस को 10 घंटे लेट होने के कारण वह काशी एक्सप्रेस की रेक से एलटीटी के लिए चलाई गई।

ये पढ़ें - UP News: उत्तर प्रदेश में फिर चला 22 बीघा अवैध प्लाटिंग पर पीला बुलडोजर, 12 निर्माण किए सीज