Haryana Bijli : हरियाणा में 78.57 लाख बिजली उपभोक्ता हुए निहाल, 1 अप्रैल से नए नियम होंगे लागु

Haryana Bijli : हरियाणा के बिजली उपभोक्ताओं को चुनावी वर्ष में बड़ी राहत मिली है। जनसुनवाई के बाद, हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग ने बिजली की दरों में इजाफा नहीं करने का निर्णय लिया है। उपभोक्ताओं को मूल दरों पर ही बिजली दी जाएगी।
 

The Chopal (Haryana News) : हरियाणा राज्य सरकार ने 78.57 लाख बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। इस साल भी राज्य में बिजली की दरों में कोई बदलाव नहीं होगा और पुराना टैरिफ लागू रहेगा। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) ने बुधवार को जनसुनवाई और हरियाणा की बिजली वितरण कंपनियों की बहस के बाद यह निर्णय लिया। HERC ने घरेलू, गैर-घेरलू और व्यावसायिक टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया है। ये आदेश पहली अप्रैल से प्रभावी होंगे।

उत्तर व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने नवंबर में वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) भेजी। एचईआरसी चेयरमैन नंदलाल शर्मा, तकनीकी सदस्य नरेश सरदाना और विधि सदस्य मुकेश गर्ग ने व्यापक फैसला किया है कि दोनों विद्युत कंपनियों को परिचालन दक्षता में सुधार करना चाहिए और एग्रीग्रेट ट्रांसमिशन एंड कॉमर्शियल लॉस को 12 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक कम करना चाहिए। यहां बता दें कि आयोग ने आठ फरवरी को निगमों की याचिकाओं पर जनसुनवाई की थी।

44263 करोड़ रुपये निगमों को मिले

दोनों विद्युत कंपनियों की सालाना वित्तीय आवश्यकताओं के लिए आयोग ने 44 हजार 263 करोड़ 27 लाख रुपये से अधिक की अनुमति दी है। उत्तर हरियाणा विद्युत वितरण निगम को 18 हजार 620 करोड़ 91 लाख रुपये और दक्षिण हरियाणा विद्युत वितरण निगम को 25 हजार 642 करोड़ 36 लाख रुपये दिए गए हैं। कृषि क्षेत्र के लिए आयोग ने बताया कि राज्य सरकार 5 हजार 941 करोड़ 17 लाख रुपये की सब्सिडी देगी। पिछले वर्ष से सब्सिडी का बोझ 109 करोड़ रुपये कम होगा।

चार्जिंग स्टेशन को कम लागत की बिजली मिलेगी

इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देने के लिए, आयोग ने EV चार्जिंग स्टेशनों पर मुफ्त टैरिफ लगाया है। साथ ही, हरित ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए आयोग ने हरित ऊर्जा प्रीमियम को 2.50 रुपये प्रति किलोवाट से घटाकर 0.88 रुपये प्रति किलोवाट किया है। साथ ही, आयोग ने दोनों कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे एडवांस बिजली भुगतान करने वाले ग्राहकों को ब्याज का समय पर भुगतान करें। संबंधित माह (अप्रैल से मई) के लिए उनके बिलों में ब्याज की राशि को विधिवत रूप से दिखाया जाए।

ये पढ़ें - IRCTC : भारत का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन, 200 साल पहले यहां से दौड़ी थी पहली ट्रेन