High Court ने लोगों को दी बड़ी राहत, बैंक के वसूली एजेंट नहीं कर सकते अब ये काम

High Court - हाल ही में कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में ये कहा है कि अगर कोई व्यक्ति गाड़ी खरीदने के लिए फाइनेंस कंपनी से लोन लेता है और लोन की किस्त समय पर चुकाने में असमर्थ होता है तो फाइनेंस कंपनी का वसूली एजेंटों के जरिए गाड़ी को जब्त करना गैरकानूनी है.
 
High Court gave big relief to the people, bank recovery agents can no longer do this work

The Chopal : पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि अगर कोई व्यक्ति गाड़ी खरीदने के लिए फाइनेंस कंपनी से लोन लेता है और लोन की किस्त समय पर चुकाने में असमर्थ होता है तो फाइनेंस कंपनी का वसूली एजेंटों के जरिए गाड़ी को जब्त करना गैरकानूनी है. 

हाई कोर्ट ने कहा है कि बहुत सारे मामलों में देखा गया है कि अगर कोई व्यक्ति फाइनेंस कंपनी से लोन पर गाड़ी लेता है और वह उसकी किस्त समय पर नहीं चुका पाता है तो फाइनेंस कंपनी के दबंग जबरन उस व्यक्ति से उसकी गाड़ी को जब्त कर लेते हैं जो कि गलत है और इसीलिए कोर्ट ने अब फाइनेंस कंपनी और बैंकों पर जुर्माना लगाया है. 

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट लोन की ईएमआई नहीं चुकाने की स्थिति में जबरन किसी व्यक्ति से गाड़ी जब्त करते हैं तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए. 

... तो वसूली एजेंटों के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर

जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की सिंगल बेंच ने इसी मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया कि बैंक और फाइनेंस कंपनियों के द्वारा लोन नहीं चुका पाने की स्थिति में उनके रिकवरी एजेंट अब जबरन गाड़ी को जब्त नहीं कर पाएंगे और ऐसे रिकवरी एजेंटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद जिला में पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे ऐसे दबंग वसूली एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. 

19 मई को कोर्ट ने सुनाया फैसला

पटना हाई कोर्ट का यह पहला पूर्ण फैसला 19 मई को आया है. अपने फैसले में कोर्ट ने कहा है कि वसूली एजेंटों के द्वारा जबरन गाड़ी जब्त करना संविधान की जीवन और आजीविका के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है.