इस देश में लिमिट से अधिक जमीन रखने पर जाना पड़ सकता है जेल, जानिए अजीब कानून

निवेश के लिए लोगों को आपने अक्सर देखा होगा कि वो जमीन या घर खरीद लेते हैं. प्रॉपर्टी या लैंड में निवेश आज ही नहीं बल्कि ज़माने से चला आ रहा है. भारत में निवेश के लिए हमेशा से लोग जमीन खरीदते आए हैं, लेकिन, कभी-कभी जानकारी के आभाव में इंसान गलती कर बैठता है और उसे तब पछतावा होता है, जब वह कानून के शिकंजे में फंस जाता है.
 

The Chopal : निवेश के लिए लोगों को आपने अक्सर देखा होगा कि वो जमीन या घर खरीद लेते हैं. प्रॉपर्टी या लैंड में निवेश आज ही नहीं बल्कि ज़माने से चला आ रहा है. भारत में निवेश के लिए हमेशा से लोग जमीन खरीदते आए हैं, लेकिन, कभी-कभी जानकारी के आभाव में इंसान गलती कर बैठता है और उसे तब पछतावा होता है, जब वह कानून के शिकंजे में फंस जाता है. क्या आप जानते हैं एक व्यक्ति अपने नाम पर कितनी जमीन रख या खरीद सकता है? या आप जानते हैं कि लिमिट से ज्यादा जमीन रखने पर क्या होता है 

आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे ही कानून के बारे में, जिसका उल्लंघन कमोबेश सभी लोग या उनके इर्द-गिर्द रहने वाले व्यक्ति से हो जाता है. हालांकि, ज्यादातर इस तरह की गलतियां जानकारी के अभाव में करते हैं. सोना, चांदी और पैसे की तरह जमीन रखने का भी एक सीमा तय की गई है. अगर आपके पास एक निश्चित सीमा से ज्यादा जमीन मिलती है, तो आप पर कानूनी कार्रवाई भी संभव है.

बता दें कि भारत में कृषि योग्य भूमि कितना लिमिट तक रख सकते हैं, इसको लेकर कोई कानून नहीं है. लेकिन, देश में हर राज्यों ने जमीन रखने का एक निश्चित लिमिट यानी सीमा तय कर रखी है. इसलिए, ऐसा नहीं है कि आप 100 एकड़ और 1000 एकड़ जमीन खरीद कर रख सकते हैं. लेकिन, भारत में जमीन खरीदने की अधिकतम सीमा अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है. पूरे देश में जमीन रखने का एक-सा कानून नहीं है.

क्या जमीन की सीमा भारत में तय है?

भारत में जमींदारी प्रथा को खत्म करने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को यह अधिकार दे दिया. देश में एक व्यक्ति अपनी मर्जी के अनुसार जितनी चाहे उतनी भूमि का मालिक नहीं बन सकता है. भारत में जमीन खरीदने की लिमिट या सीमा अलग-अलग राज्यों के भौगोलिक स्थिति के अनुसार तय की गई है. खेती योग्य जमीन की एक सीमा हर राज्य ने तय की है. इसके लिए पूरे देश में एक सा कानून नहीं है.

कब आया था कानून

भूमि संशोधन अधिनियम 1954 देश में जमींदारी प्रथा को समाप्त करने के लिए बनाया गया था. इस अधिनियम के आने के बाद हर राज्यों के अलग-अलग जमीन रखने का नियम है. केरल में भूमि संशोधन अधिनियम 1963 के तहत एक गैर-विवाहित व्यक्ति केवल 7.5 एकड़ तक जमीन ही खरीद सकता है. वहीं, 5 सदस्यों वाला परिवार 15 एकड़ तक जमीन खरीद सकता है. महाराष्ट्र में खेती योग्य भूमि केवल वही खरीदेगा जो पहले से खेती में है. यहां अधिकतम सीमा 54 एकड़ की है. पश्चिम बंगाल में अधिकतम 24.5 एकड़ जमीन खरीदी जा सकती है. वहीं, बिहार मे आप 15 एकड़ तक कृषि योग्य जमीन खरीद सकते हैं.

लिमिट से ज्यादा रखी जमीन तो होगी जेल

अगर बात पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की करें तो यहां संपत्ति विरासत कानून में भी जमीन रखने का प्रावधान है, लेकिन वहां भी भारत की तरह हर प्रांत के लिए अलग-अलग नियम हैं. यही हाल बांग्लादेश का भी है. बांग्लादेश में भी जमीन रखने को लेकर कोई तय कानून नहीं है. तीनों देश में अंग्रेजों के द्वारा पारित कानून अभी भी संशोधित रूप में लागू हैं. कुलमिलाकर, भारत में अगर आप निर्धारित सीमा से ज्यादा जमीन रखते हैं तो जेल भी जाना पड़ सकता है.

ये पढ़ें - Delhi-Mumbai Expressway : NCR के तीन गांवों को 23 घंटे बिजली गुल, एक्सप्रेसवे लिंक रोड पर चल रहे काम में HT लाइन टूटी