रेलवे पुलिस को कैसे लग जाता हैं पता, की ट्रेन में किस बोगी में खींची गई है चैन
The Chopal - भारत, यह देश है जिसमें यातायात सुविधाओं का विस्तारित नेटवर्क है। यहां बस, ऑटोरिक्शा, ट्रेन, हवाई जहाज, और मेट्रो जैसे परिवहन माध्यम उपलब्ध हैं, जो लोगों को आसानी से घर से दूसरे जगह पहुंचने में मदद करते हैं। भारतीय रेलवे, दुनिया का चौथा सबसे बड़ा यातायात नेटवर्क है और एशिया में दूसरा सबसे बड़ा है। यह देश का सबसे महत्वपूर्ण यात्री परिवहन साधन है और हर दिन लाखों लोग ट्रेन में सफर करते हैं।
ये भी पढ़ें - UP के इस जिले की 12 गांवों की होने वाली है चकबंदी, सीएम योगी का निर्देश
चेन पुलिंग: आपात स्थितियों का बचाव कैसे करता है
चेन पुलिंग या आपातकालीन ब्रेक एक महत्वपूर्ण और जरूरी रेलवे सुरक्षा उपाय है, जो यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ावा देता है। यदि किसी आपातकालीन स्थिति में या दुर्घटना के समय कोई यात्री ट्रेन के प्लेटफार्म पर ट्रेन के रुकने के समय उतर जाता है और उसके वापस आने से पहले ही ट्रेन चली जाती है, तो चेन पुलिंग की मदद से ट्रेन तुरंत रोकी जा सकती है। इससे आपातकालीन स्थितियों का समय पर संज्ञान में आया जा सकता है और यात्रीगण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। इस सुरक्षा उपाय को ट्रेन के हर बोगी में उपलब्ध किया जाता है, जिससे यात्री चेन पुलिंग करके ट्रेन को रोक सकते हैं।
ये बहुई पढ़ें - लिवर को रखना है तंदुरुस्त और जवान तो अपनाएं यह फार्मूले, होंगे ये बड़े फायदे
बेवजह चेन पुलिंग की मान्यता और दुष्प्रवृत्तियों के प्रवधान
बेवजह चेन पुलिंग का अवश्यक दुरुपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ कड़े कानूनी कदम उठाए गए हैं। यदि किसी व्यक्ति बिना किसी आपातकालीन स्थिति के ट्रेन की चेन खींचता है तो उसे जुर्माने और सजा का सामना करना पड़ सकता है। इससे आपातकालीन स्थितियों में और दुर्घटनाओं को जल्दी से संज्ञान में लाया जा सकता है और यात्रीगण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
रेलवे पुलिस: चेन पुलिंग को पहचानने का तरीका
चेन पुलिंग के समय, बोगी के कोने में एक वाल्व लगा जाता है, जिससे यह पता चलता है कि किस बोगी से चेन पुलिंग की गई है। इसके अलावा, रेलवे पुलिस आपातकालीन स्थितियों को पहचानने के लिए एक और तरीका भी इस्तेमाल करते हैं। चेन पुलिंग वाले बोगी से आवाज़ के बारे में सूचना प्राप्त होती है, जो आकस्मिक रूप से उत्पन्न हो सकती है। इसके बाद, रेलवे पुलिस वह बोगी खोजते हैं और सुरक्षा की दृष्टि से उसकी जाँच करते हैं। इस तरीके से रेलवे पुलिस को चेन पुलिंग वाले बोगी की पहचान करने में मदद मिलती है।