UP में बच्चों ने कर दी अगर ये गलती, तो मां बाप को जाना पड़ सकता है जेल

UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनमें उन्होंने एक ट्रैफिक रूल भी लागू किया है, उसमें अगर किसी माता-पिता ने 18 साल से कम उम्र की अपने बच्चों को अगर कोई वाहन चलाने के लिए दिया तो, उन माता-पिता को जेल के साथ-साथ जुर्माना लग सकता है, क्योंकि बच्चे वाहन चलाते समय गलतियां कर देते हैं जिसे एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है.
 

The Chopal, UP News : उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनमें उन्होंने एक ट्रैफिक रूल भी लागू किया है, उसमें अगर किसी माता-पिता ने 18 साल से कम उम्र की अपने बच्चों को अगर कोई वाहन चलाने के लिए दिया तो, उन माता-पिता को जेल के साथ-साथ जुर्माना लग सकता है, क्योंकि बच्चे वाहन चलाते समय गलतियां कर देते हैं जिसे एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है, जिसे सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने यह नए नियम लागू किए हैं. उल्लंघन करने वालों को 25000 रूपए तक का जुर्माना तथा जेल हो सकती है. आईए जानते हैं नीचे खबर में..

क्या आपने कभी सुना है कि बच्चों की गलती पर माता-पिता को जेल हो. अगर नहीं तो आपको बता दें उत्तर प्रदेश में अब नया नियम लागू हो गया है, जिसके मुताबिक बच्चों की गलती पर माता-पिता को जेल जाना होगा. सुनने में आपको अटपटा लग रहा होगा लेकिन दरअसल हकीकत यह है कि उत्तर प्रदेश में अब 18 साल से कम उम्र के बच्चों के वाहन चलाने पर पूरी तरह से पांबदी लग गई है.

शासन ने नाबालिग किशोर या किशोरियों पर दो पहिया या फिर चार पहिया वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अगर कोई भी माता-पिता 18 वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिकाओं को वाहन चलाने के लिए देते हैं तो उन्हें तीन साल की जेल होगी और 25 हजार के जुर्माना से दंडित किया जाएगा. यह आदेश उत्‍तर प्रदेश परिवहन यातायात कार्यालय की तरफ से शिक्षा निदेशक माध्‍यमिक को भेजा गया है. आदेश उत्‍तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से दिए गए निर्देश के बाद जारी किया गया है.

जुर्माना और लाइसेंस निरस्त

आदेश में कहा गया है कि अगर कोई अभिभावक (वाहन मालिक) 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने के लिए देगा तो उसका जिम्मेदार वो खुद होगा. अगर नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा गया तो उसके अभिभावक या वाहन मालिक को तीन साल तक की सजा और 25 हजार रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है. साथ ही वाहन का लाइसेंस भी निरस्‍त कर दिया जाएगा.

ऐसे बना यह नया नियम

उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे बिना ड्राइविंग लाइसेंस के दो पहिया और चार पहिया वाहन चला रहे हैं, जिससे लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं. आपको बता दें कि किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज और लोहिया अस्पताल के विशेषज्ञों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सड़क हादसों में जान गंवाने वाले 40 से 45% नाबालिक होते हैं जिनकी उम्र 13 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के बीच में होती है.