MP News : IIT इंदौर की AI एल्गोरिदम से चलेगा अल्जाइमर का पता, मिली बड़ी सफलता  
 

MP News : 60 और 65 वर्ष की उम्र के लोगों में ज्यादातर ल्जाइमर होता है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी 30 से 35 वर्ष की उम्र में विकसित होने लगती है। बीमारी का इलाज सही समय पर नहीं किया जा सकता।

 

The Chopal, MP News: अल्जाइमर अधिकतर 60 और 65 वर्ष की उम्र में होता है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी 30 से 35 वर्ष की उम्र में विकसित होने लगती है। बीमारी का इलाज सही समय पर नहीं किया जा सकता। बीमारी का पता लगने तक बहुत देर हो चुकी होती है। IIST इंदौर का शोध इस बीमारी के उपचार में काफी फायदेमंद साबित होगा। IIST इंदौर के प्रोफेसर ने AI एल्गोरिदम को विकसित किया है। इससे अल्जाइमर को शुरुआती दौर में पकड़ना आसान होगा।

प्रोफेसर एम. तनवीर ने बताया कि अल्जाइमर के प्रारंभिक लक्षणों में स्मरण शक्ति की कमी शामिल है। यह समस्या बहुत आम है, लेकिन ऐसे लोगों को अल्जाइमर की जांच करवानी चाहिए। इसके लिए हमने AI एल्गोरिदम बनाया है। यह अल्जाइमर का पता लगाने में बहुत फायदेमंद होगा।

उनका कहना था कि अल्जाइमर को रोका जाना शुरुआती दौर में बहुत महत्वपूर्ण है। यदि सही समय पर इसका पता नहीं चला, तो उसका उपचार कठिन होगा। AI एल्गोरिदम को अल्जाइमर, माइल्ड काग्निटिव अनुभव और स्वस्थ व्यक्ति के डेटा से प्रशिक्षित किया गया है। AI एल्गोरिदम इससे संबंधित व्यक्ति की रिपोर्ट से पता लगा सकता है कि उसे अल्जाइमर है या नहीं। इसके लिए AI एल्गोरिदम से व्यक्ति की मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआइ) और पाजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) की रिपोर्टों की जांच की जाती है। इससे पता चलता है कि व्यक्ति को MCI या अल्जाइमर है या नहीं। अगर नहीं है तो यह व्यक्ति को स्वस्थ होने की पुष्टि कर देता है।

टीम में ये लोग शामिल

टीम पिछले आठ वर्षों से इस शोध पर काम कर रही थी। इस अध्ययन की रिपोर्ट नेचर मेंटल हेल्थ जर्नल में भी प्रकाशित हुई है। इस शोध में एनआईटी सिलचर से डा. तृप्ति गोयल, आईआईटी इंदौर से डा. राहुल शर्मा और डा. अश्वनी कुमार मलिक, कनाडा के मैनिटोबा विश्वविद्यालय से डा. ईमान बेहेश्टी, स्पेन से प्रोफेसर जेवियर डेल सेर, कतर विश्वविद्यालय से प्रोफेसर पीएन सुंगथन और यूटीएस ऑस्ट्रेलिया से प्रोफेसर सीटी लिन शामिल हैं।