जमीन से अवैध कब्जा बिना कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाएं हटेगा, बस रखे यह जानकारी
Property Possession : आपको घबराने की जरूरत नहीं है अगर किसी ने आपकी संपत्ति पर अवैध कब्जा कर लिया है। आप अपनी संपत्ति से अवैध कब्जा हटाने के लिए कानूनी सहायता के बिना भी कोर्ट में जा सकते हैं।
The Chopal : ज्यादातर लोग अपनी सारी बचत खर्च करके घर या जमीन खरीदना चाहते हैं। प्रॉपर्टी में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है क्योंकि यह चोरी नहीं हो सकती। लेकिन अक्सर जमीन या मकान पर गैरकानूनी कब्जा होता है, जिससे लोग चिंतित हो जाते हैं और नहीं जानते कि क्या करें। ऐसे मामलों में हाल ही में वृद्धि हुई है, और अदालतों में कई संपत्ति विवाद अभी भी चल रहे हैं।
आपको घबराने की जरूरत नहीं है अगर किसी ने आपकी संपत्ति को अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। आप अपनी संपत्ति से अवैध कब्जा (Illegal Occupation) हटाने के लिए कानूनी सहायता के बिना भी कोर्ट में जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति पर अवैध कब्जे से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है, जिसमें वैध मालिक बिना अदालत की मदद के अपनी संपत्ति से कब्जाधारी को हटा सकता है। पूनाराम बनाम मोतीराम मामले में न्यायालय ने कहा कि कोई व्यक्ति अवैध रूप से किसी दूसरे की संपत्ति पर कब्जा नहीं कर सकता।
यदि किसी ने आपकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया है, तो आप कानूनी प्रावधानों के अनुसार न्यायिक हस्तक्षेप या शासकीय सहयोग के जरिए उसे हटा सकते हैं। यद्यपि, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप उस संपत्ति के वास्तविक मालिक हैं और उसकी टाइटल आपके नाम पर है। कानून और न्याय के प्रति लोगों का विश्वास इस निर्णय से बढ़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने पूना राम बनाम मोती राम (Poona Ram vs Moti Ram land dispute) मामले में स्पष्ट किया है कि यदि आपके पास प्रॉपर्टी का टाइटल (Title of the property) है, तो आप 12 साल बाद भी शासकीय सहयोग से अपनी प्रॉपर्टी से कब्जा (You can forcefully remove possession from your property) हटवा सकते हैं। इसके लिए आपको अदालत में मुकदमा दायर करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन यदि प्रॉपर्टी का टाइटल आपके नाम पर नहीं है और कब्जा 12 साल से अधिक समय से है, तो आपको अदालत में केस करना होगा।
इस तरह के मामलों के लिए स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट 1963 (Specific Relief Act 1963) बनाया गया है. प्रॉपर्टी से अवैध कब्जा हटाने के लिए स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट (Section 5 of the Specific Relief Act provides for removal of illegal occupation from property) की धारा 5 में प्रावधान किया गया है। हालांकि, प्रॉपर्टी विवाद (Property Disputes) के मामले में पहले स्टे प्राप्त करना चाहिए, ताकि कब्जा करने वाला व्यक्ति उस प्रॉपर्टी पर कोई निर्माण न कर सके या उसे बेच न सके।
स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट की धारा 5 क्या है? -
स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट की धारा 5 के अनुसार, यदि आपके पास प्रॉपर्टी का टाइटल है और किसी ने उस पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है, तो आप उसे खाली कराने के लिए सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के तहत अदालत में मुकदमा दायर कर सकते हैं.
जानिए क्या है जमीन पर अवैध कब्जे का पूरा मामला-
यह मामला राजस्थान (rajasthan) के बाड़मेर जिले के पूना राम से जुड़ा है, जिसने 1966 में एक जागीरदार से जमीन खरीदी थी। जब पूना राम ने जमीन पर मालिकाना हक का दावा किया, तो उसे पता चला कि मोती राम का वहां कब्जा है, जबकि मोती राम के पास किसी कानूनी दस्तावेज का अभाव था। पूना राम ने कोर्ट में केस दायर किया और ट्रायल कोर्ट (trial court) ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया, जिस पर मोती राम ने अपील की। राजस्थान हाईकोर्ट (High court) ने ट्रायल कोर्ट का फैसला पलट दिया और मोती राम के कब्जे को वैध करार दिया। पूना राम ने इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
सुप्रीम कोर्ट ने पूना राम के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए कहा कि जमीन का वैध टाइटल रखने वाला व्यक्ति सरकारी सहायता से कब्जा छुड़वा सकता है, चाहे वह कब्जा 12 साल पुराना ही क्यों न हो। मोती राम ने तर्क किया कि उसके पास 12 साल से अधिक समय से जमीन पर कब्जा है और इसलिए लिमिटेशन एक्ट (limitation act) की धारा 64 के तहत कब्जा नहीं हटाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यह कानून केवल उन जमीनों पर लागू होता है जिनका कोई मालिक नहीं होता। यदि जमीन का मालिक है, तो वह अपने अधिकारों का प्रयोग कर कब्जा हटवा सकता है।