UP के इन 2 जिलों के बीच बनेगा औद्योगिक कॉरिडोर, 85 गांव अधिसूचित क्षेत्र में शामिल हुए

UP Industrial Corridor : यूपी के 2 जिलों के 85 गावों को अधिसूचित क्षेत्र में शामिल करके एक औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। जोकि लगभग 300 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले हुए हैं। लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के मास्टर प्लान 2041 को प्रशासन द्वारा मंजूरी दे दी गई है
 

Uttar Pradesh : यूपी में लखनऊ-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के 80 किलोमीटर के दायरे में यूपीडा (UPEIDA) एक औद्योगिक कॉरिडोर बनाएगा। लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के द्वारा इस मास्टर प्लान 2041 को तैयार किया गया है, जिसको लेकर प्रशासन ने मंजूरी दे दी है। इस योजना के अंतर्गत लखनऊ जिले के 45 और उन्नाव जिले के 40 गांवों को अधिसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है। ये गाँव लगभग 300 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले हुए हैं। नई दिल्ली का स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर को इस बड़ी परियोजना के लिए परामर्शदाता बनाया गया है।

इस योजना में पांच क्षेत्रों का होगा, निर्माण

मास्टर प्लान 2041 में इसे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और लखनऊ रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। मास्टर प्लान में इन सभी परियोजनाओं को एक मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स और ट्रांजिट हब में बदलने की योजना है। मास्टर प्लान-2041 में पांच क्षेत्र बनाए गए हैं। रिंग रोड और एक्सप्रेसवे सहित आवासीय विकास और वेयरहाउसिंग एग्लोमेरेशन के आधार पर योजना को तैयार किया जाएगा।

मास्टर प्लान 2041 के अंतर्गत, प्रस्ताव जारी

विभिन्न राज्य सरकारी विभागों, जैसे यूपीईडा, यूपीडीआईसी, पंचायती राज कार्यालय, सीटीसीपी, राज्य पर्यटन विभाग, यूपीपीसीबी, लखनऊ विकास प्राधिकरण, कमिश्नर-लखनऊ और उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण, ने मास्टर प्लान -2041 के प्रस्ताव पर चर्चा की है। इन विभागों ने बेहतर औद्योगिक सुविधाओं, बेहतर अवसंरचना और पर्यावरणीय संरक्षण की जरूरत पर विचार किया है। इसमें मौजूदा चमड़ा उद्योग के प्रभाव, नवाबगंज बर्ड सेंचुरी को पर्यटन स्थल के रूप में शामिल करने और सड़कों की चौड़ाई पर पुनर्विचार भी शामिल हैं। योजना को अधिक पारदर्शी और समावेशी बनाने के लिए जनता से सुझाव भी मांगे गए हैं।

बैठक में दी गई, इन कार्यों को मंजूरी

यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने कहा कि एक्स लीडा को मास्टर प्लान में एससीआर (राज्य राजधानी क्षेत्र) से जोड़ा जाएगा। Delhi-NCR जैसे बड़े शहरी केंद्रों के लिए लखनऊ-एससीआर का विकास एक मजबूत विकल्प बनकर उभर रहा है। यह परियोजना आसपास के इलाकों में बड़ा आर्थिक प्रभाव डालेगी और निजी निवेश को भी लुभाने का काम करेगा। यूपीसीडा की बोर्ड बैठक ने हाल ही में इस मास्टर प्लान को मंजूरी दी है।

इससे होने वाले लाभ

  • एससीआर में शामिल जिलों में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बनाकर लखनऊ की भीड़भाड़ कम होगी।
  • योजना के माध्यम से क्षेत्र में परिवहन, लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे को बल मिलेगा।
  • एससीआर के विकास के लिए लखनऊ और कानपुर को जोड़ने वाला हाई-स्पीड डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर मजबूत नींव रखेगा।