IRCTC : 1982 बाद फिर से इस जंगल में दौड़ेगी ट्रेन, 100 साल पहले अंग्रेजों ने की थी शुरूआत

IRCTC : कहा जा रहा है कि 1982 के बाद अब फिर से इस जंगल में ट्रेन दौड़ेगी। आपको बता दें कि यहां 100 साल पहले अंग्रेजों ने शुरूआत की थी...
 

Railways : देश के एक हिस्से में वर्षों से बंद पड़ी रेलवे लाइन को फिर शुरू करने की कोशिश की जा रही है. दरअसल यूपी में तराई के जंगल में देश की पहली ट्राम-वे रेल परियोजना शुरू की गई थी. 55 साल तक इसके चलने के बाद 1982 में इसे बंद कर दिया गया. हालांकि, इस ट्राम ट्रेन के 4 इंजन और 26 बोगियां आज भी मौजूद है. अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये कौन-सी जगह है, जहां यह ट्रेन चलेगी?

हम उत्तर प्रदेश (UP) में महाराजगंज के सोहगीबरवा सेंचुरी की बात कर रहे हैं, जहां 4 दशक से बंद पड़ी ट्राम-वे को फिर शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. जिला प्रशासन ने इसके संचालन की पहल की है. यहां लक्ष्मीपुर रेंज में करीब 100 साल पहले अंग्रेजों ने ट्राम-वे रेल की शुरुआत की थी.

जल्द डीपीआर तैयार होने की उम्मीद-

महाराजगंज के सोहगीबरवा सेंचुरी में ट्राम-वे ट्रेन को फिर से चलाने के लिए जिला प्रशासन ने वन विभाग के प्रमुख सचिव को भेजी गई रिपोर्ट के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने के लिए कंसल्टेंट एजेंसी नियुक्त कर दी गई है. इस प्रोजेक्ट की डीपीआर जल्द तैयार किए जाने की संभावना है और साल के आखिरी तक इस के लिए वित्तीय सहायता भी मिलने की उम्मीद है.

ट्राम-वे रेल का 100 साल पुराना इतिहास-

महाराजगंज के सोहगीबरवा लक्ष्मीपुर रेंज में आने वाले ट्राम-वे रेल परियोजना का इतिहास करीब 100 साल पुराना है. इस घने जंगल क्षेत्र और दुर्गम पहाड़ों के बीच ट्रेन चलाना मुश्किल काम था. लेकिन, ब्रिटिश हुकूमत ने 1924 में लक्ष्मीपुर रेलवे स्टेशन के पास देश की पहली ट्राम-वे ट्रेन प्रोजेक्ट शुरू किया था.

लक्ष्मीपुर रेंज के उत्तरी चौक रेंज के जंगल में चौराहा नाम की जगह तक 22.4 किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाई गईं. इस रेलवे लाइन पर 55 वर्षों तक ट्रेन का संचालन भी हुआ. लेकिन, घाटे के चलते 1982 में इस परियोजना को बंद कर दिया गया था. हालांकि, अब इस ट्रेन के फिर से शुरू होने की उम्मीद से कई लोग 40 साल बाद इस सुहाने सफर को फिर से कर सकेंगे.

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