उत्तर प्रदेश के इन चार जिलों की जमीन अधिग्रहण हुआ पूरा, किसान हुए निहाल,  6 सौ करोड़ का मिला मुआवजा 
 

Ganga Expressway News: मेरठ से प्रयागराज तक बनाया जा रहा गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कुंभ-2025 से पहले पूरा करने पर पूरा जोर है। इसके लिए यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने निर्माण कंपनी को विशेष निर्देश दिए हैं। एक्सप्रेस-वे के लिए आवश्यक जमीन को अधिग्रहण करने में मेरठ पहले स्थान पर है।


 

 

The Chopal - मेरठ से प्रयागराज तक बनाया जा रहा गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कुंभ-2025 से पहले पूरा करने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसके लिए यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने निर्माण कंपनी को विशेष निर्देश दिए हैं। एक्सप्रेस-वे के लिए आवश्यक जमीन को अधिग्रहण करने में मेरठ पहले स्थान पर है। यहां बैनामा और नामांतरण की प्रक्रिया पूरी करके विक्रय पत्र यूपीडा को प्रस्तुत किया गया है।

600 करोड़ से ज्यादा का मुआवजा

गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए राज्य के नौ गांवों में 1100 से अधिक किसानों ने 180 हेक्टेयर निजी, कृषि व अन्य प्रकृति की जमीन दी। बिजौली से हापुड़ तक के गांवों में अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से पूरी की गई और किसानों को छह सौ करोड़ से अधिक का मुआवजा समय पर दिया गया। 

अधिग्रहण

इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण के साथ किसानों से सीधे बैनामा कराए गए, भूमि नामांतरण के साथ अमलदरामद किया गया, और अधिग्रहित और पुनःप्राप्त भूमि के बैनामे कराकर यूपीडा को विक्रय पत्र भेजे गए। मेरठ में अधिग्रहण की प्रक्रिया सबसे जल्दी पूरी हुई।  बाद में हापुड़, बुलंदशहर और अमरोहा में भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की गई। जबकि यूपीडा को अभी तक एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित जमीन के विक्रय पत्र नहीं भेजे गए हैं।

यूपीडा में प्रस्तुत विक्रय पत्र

अपर सीईओ श्रीहरि प्रताप शाही ने डीएम को पत्र भेजा है। डीएम दीपक मीणा ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और विक्रय पत्र भी यूपीडा (upeida) को प्रस्तुत कर दिए गए हैं।