जेवर एयरपोर्ट के पास बढ़ा जमीनों का रेट, ठगों के चक्कर से इस तरह बचे 

अलीगढ़ के टप्पल से 23 किमी दूर, लगभग 40 मिनट की दूरी पर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की निर्माण प्रक्रिया जारी है। इसके परिणामस्वरूप, यमुना एक्सप्रेसवे और अलीगढ़ पलवल हाईवे से सटे टप्पल और खैर की जमीनों की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। यहाँ एक रेकर्ड का आलम है कि पिछले साल की मुकाबले जमीनों की कीमतें लगभग 30 से 40 फीसदी तक बढ़ गई हैं।

 

The Chopal: यमुना एक्सप्रेसवे और अलीगढ़ पलवल हाईवे के पास स्थित जमीनें सोने की तरह मूल्यित हो रही हैं। इसके कारण, अलीगढ़, दिल्ली और नोएडा से जुड़े कुछ भू-माफिया व्यक्तिगतों ने फर्जी नक्शा दिखाकर लाखों रुपये का धोखा देने की कोशिश की है। ऐसे फर्जी कोलोनियों में जमीन के बैनामे करके और गलत तरीके से दस्तावेज़ जमा करके खरीदारों को ठगा गया है।

इन धोखाधड़ी गतिविधियों के परिणामस्वरूप, जब वास्तविकता खुलकर सामने आई, तो पीड़ित खरीदारों का चौंककर होश उड़ गया। अब पीड़ित खरीदार उन लोगों की तलाश में हैं जिन्होंने उन्हें धोखा दिया है, लेकिन वे लोग अब भी बिल्डर बताने में जुटे हैं। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जाँच की प्रक्रिया भी जारी है।

प्रशासन की सख्ती के चलते अंकुश को अच्छा सबक सिखने को मिला। टप्पल के किसान नेताओं की शिकायत पर प्रशासन ने 25 नवंबर 2022 को तत्कालीन एसडीएम अनिल कटियार के नेतृत्व में राजस्व टीम को जमीनों के फर्जीवाड़े की जांच करने के आदेश दिए। इस जांच के दौरान सामने आया कि दिल्ली और नोएडा के भू-माफिया ने ग्राम समुदाय की भूमि पर कब्जा करके अवैध रूप से कॉलोनियाँ बनाई और महंगे दामों में प्लॉट्स बेचे।

इस काम में खैर से जुड़े दलालों की भूमिका भी आई सामने। इस मामले में कई बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए गए हैं। टप्पल के लालपुर और आसपास के गांवों में भी कुछ भू-माफिया ने करीब 560 बीघा भूमि पर अवैध कब्जा किया था, जिन्हें अब राजस्व अभिलेखों में ग्राम पंचायत की जगह के रूप में दर्ज किया गया है।

इसलिए, आपको जमीन की खरीदारी करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। यदि आप जमीन की खरीद कर रहे हैं, तो निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें:

  • सबसे पहले, जमीन की पूरी पड़ताल करें। तहसील, रजिस्ट्री ऑफिस, और नगर पंचायत के सरकारी अभिलेखों में जाँच करें कि कोई विवाद या उलझन नहीं है।
  • रजिस्ट्री में खसरा नंबर और भूमि की किस्म शामिल होने चाहिए।
  • जमीन के स्थान पर ग्रीन-बेल्ट, नाले, नदियों, तालाबों या जलवायु बहाव के क्षेत्रों में कोई विधिक संकोच नहीं होना चाहिए।
  • जमीन के सचिवालय के रजिस्ट्री और अभिलेखों में जांच करें कि आपकी जमीन की वास्तविक स्थिति क्या है।
  • जब आप किसी प्लाटफ़ॉर्म पर विज्ञापन देखते हैं, तो सबसे पहले उसकी सच्चाई की जांच करें। बाद में ही संपर्क करें।
  • सभी विवरण को जांच लें, और अगर कोई संकेत या शंका हो तो उस संदेश को नजरअंदाज न करें।
  • जब आप जमीन की खरीद करते हैं, तो उसके सभी दस्तावेज़ों की पूरी पड़ताल करें, और गलत या फर्जी दस्तावेज़ का पता करने के लिए किसी वकील की सलाह लें।
  • खरीदारी के पूरे प्रक्रिया को सुनिश्चित करें और संभावित जुर्मानों या संकेतों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

Case -एक

दिल्ली के विवेक विहार के रहने वाले मुकेश गांधी ने एयरपोर्ट के आसपास जमीन 35 लाख रुपये में खरीदी। बैनामा करवाने के बाद, नींव रखने की तैयारी करते समय काश्तकार ने उनकी रुकावट डाल दी। अब सच्चाई पता चलने पर मुकेश गांधी परेशान है।

Case-दो
गुरुग्राम निवासी राजेश कुमार ने सस्ती जमीन खरीदने का निश्चित किया और उन्होंने टप्पल के एक प्रॉपर्टी डीलर से संपर्क किया। कई जमीनें देखने के बाद, उन्होंने एक जमीन पसंद की और उसका बैनामा करवा लिया। बाद में पता चला कि जमीन ग्राम समाज की है। अब वह थाने से लेकर तहसील तक कई अफसरों के पास जा रहे हैं।

Case-तीन

नोएडा के परी चौक निवासी दिनेश भाटी ने रेस्टोरेंट खोलने के लिए टप्पल में एक जमीन ढूंढ़ी। 38 लाख खर्च कर, उन्होंने उस जमीन का बैनामा करवा लिया। बाद में पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी किया गया है। उसी जमीन का पहले से ही बैनामा हो चुका है। अब दिनेश थाने और तहसील तक के अफसरों से मिलकर अपनी समस्या का समाधान ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रशासन का कहना है

यदि टप्पल में प्रशासन की जानकारी के बिना कहीं भी सरकारी जमीनों पर अवैध कॉलोनियां बनाने का प्रयास किया जाता है या बिल्डर्स द्वारा फर्जीवाड़े किए जाते हैं, तो उनकी जांच की जाएगी। जिन लोगों की घोषणा की जाएगी कि उन्होंने यह कृत्य किया है, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। - मीनू राणा, एडीएम वित्त और राजस्व।

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