UP के इस शहर में 30 लाख रुपये बीघा तक पहुंच गए जमीन के रेट

UP News : कहा जा रहा है कि यूपी के इस शहर में तीस लाख रुपये बीघा जमीन के रेट पहुंच गए है। जिसके चलते बिल्डर सक्रिय हो गए है
 

UP : भूमाफिया और कॉलोनाइजर करोड़पति बनने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते हैं। अब इनकी गिद्ध दृष्टि न्यू नोएडा एरिया (New Noida) पर पड़ गई है। इस पूरे इलाके में धारा-143 (गैर कृषि क्षेत्र या आबादी) दर्ज कराने का बड़ा खेल शुरू हो गया है। न्यू नोएडा में काम शुरू होने से पहले ही भूमाफिया और कॉलोनाइजर एरिया के गांवों में जा पहुंचे हैं। न्यू नोएडा के गांवों में जमीनों के रेट आसमान छूने लगे हैं। दिल्ली, गुडगांव, मुंबई , कोलकाता, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत कई शहरों के लोग न्यू नोएडा में धड़ल्ले से जमीने खरीदने में लगे हैं।

दादरी के गांवों में जमीन 30 लाख रुपये बीघा-

न्यू नोएडा बनने की घोषणा से पहले इस एरिया के गांवों में 5 से लेकर 7 लाख रुपये प्रति बीघा के हिसाब से जमीन की खरीद-बेच हो रही थी। जब से न्यू नोएडा का ऐलान हुआ है, तब से जमीनों के रेट आसमान छूने लगे हैं। जीटी रोड और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे से सटे गांवों में तो जमीन के रेट आसमान पर पहुंच गए हैं।

इन गांवों में प्राइवेट कंपनियां जमीन खरीद कर वेयर हाउस बना रही हैं। न्यू नोएडा के आनंदपुर गांव में पहले जमीन की कीमत 12 लाख रुपये बीघा थीं। किसान इस रेट पर आसानी से जमीन बेच रहे थे। लेकिन अब रेट 30 लाख रुपये बीघा से ऊपर तक जा पहुंचे हैं। छोलस, नंगला और लुहारली समेत कई गांवों में प्राइवेट कंपनी जमीन खरीद कर वेयर हाउस बना रही हैं।

वेयर हाउस बनाने के लिए जमीन की मांग-

खंडेडा गांव में करीब 12 लाख रुपये बीघा की दर से जमीन मिल जाती थी, लेकिन न्यू नोएडा की घोषणा होने के बाद जमीन के रेट 22 लाख रुपये बीघा तक हो गए हैं। कलौंदा और तिल बेगमपुर समेत दादरी व सिंकद्राबाद तहसील के गांवों में न्यू नोएडा बनने की भनक लगते ही जमीन के रेट बढ़ गए हैं। वहीं, इन गांवों में बाहर के लोग जमीन खरीद कर तहसील से धारा-143 कराने में लगे हुए हैं। आनंदपुर गांव के रहने वाले अनिल तौंगड का कहना है, "न्यू नोएडा बनने के बाद जमीन के रेटों में काफी बढ़ोत्तरी हो गई है।

देश के कई महानगरों से लोग जमीन की खरीद-फरोख्त करने के लिए आते हैं। ब्रोकर के जरिए जमीन खरीद-बेचने में लगे हुए हैं।" तिल बेगमपुर गांव के नसीम खान ने कहा, "हमारा गांव सिकंदराबाद बॉर्डर पर है। यूपीएसआईडीए की इंडस्ट्रियल साइट के पीछे गांव है। वेयर हाउस बनाने वाली कंपनियां जमीन खरीदने में जुटी हैं। किसानों को मुंह मांगी कीमत दी जा रही है।"

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ होगा न्यू नोएडा-

रिपोर्ट के मुताबिक नोएड अथॉरिटी ने नक्शे में न्यू नोएडा का खाका खींचा गया है। इसके मुताबिक ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केजीपी) के दोनों तरफ न्यू नोएडा क्षेत्र का दायरा होगा। प्राधिकरण ने दूसरे तरफ के कुछ गांवों का रकबा भी चिन्हित किया है। इनमें कोट, नयाबासरी, फूलपुर, खंडारा, गिरिराजपुर, आनंदपुर और कुछ अन्य गांव शामिल हैं। गांव और गांव की जमीन के हिसाब से ही मास्टर प्लान बनाया गया है।

नया नोएडा 80 गांवों की 210 वर्ग किमी जमीन पर बसेगा-

देश में आर्थिक विकास को गति देने के लिए दो इंडस्ट्रियल रेलवे फ्रेट कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। करीब 1,500 किलोमीटर लम्बा दिल्ली-मुम्बई कॉरीडोर ग्रेटर नोएडा के दादरी से मुंबई में जवाहर लाल नेहरू पोर्ट तक है। दूसरा 1,839 किलोमीटर लम्बा रेलवे कॉरिडोर कोलकाता से अमृतसर तक बनाया जा रहा है। इन दोनों रेलवे कॉरिडोर के बीच गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील के 20 गांव हैं। बुलंदशहर जिले की खुर्जा और सिकंदराबाद तहसीलों के 60 गांव हैं। इन 80 गांवों की जमीन पर नया नोएडा बसेगा।

साउथ नोएडा में कनेक्टिविटी और फैसिलिटी का खास ख्याल-

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की वजह से नोएडा शहर का यह हिस्सा फरीदाबाद और गुड़गांव के नजदीक आ गया है। फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद मार्ग (एफएनजी) की कनेक्टिविटी भी इसे मिलेगी। शहर का सबसे बड़ा 200 एकड़ का शहीद भगत सिंह पार्क, 1000 एकड़ वाला बायोडायवर्सिटी पार्क, 250 एकड़ का वेटलैंड, 10 एकड़ में देश का सबसे बड़ा हेलीपोर्ट और 100 एकड़ में 18 हॉल्स वाला गोल्फकोर्स कॉम्प्लेक्स भी यहां बनाया जा रहा है। यह इलाका हरा-भरा और पर्यावरण की दृष्टि से समृद्ध होने के कारण इस हिस्से को शहर का फेफड़ा भी बोला जा रहा है।

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