Delhi में यहां 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ हो गया जमीन का रेट, 15 साल के बाद बढ़े सर्किल रेट

दिल्ली में सर्कल रेट में बढ़ोतरी को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। प्रति एकड़ जमीन का रेट 5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। 15 साल के लंबे अंतराल के बाद दिल्ली सरकार ने जमीन के रेट में बढ़ोतरी की है।
 

The Chopal, Delhi : दिल्ली सरकार ने सर्कल रेट को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। दिल्ली में 15 साल के लंबे अंतराल के बाद दिल्ली सरकार ने खेती वाली जमीनों की सर्कल रेट को मौजूदा 53 लाख रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर अधिकतम 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ कर दिया है। खेती वाली जमीनों के सर्कल रेट को बढ़ाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब इसकी फाइल को अंतिम मंजूरी के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पास भेज दिया गया है।

एलजी के मंजूरी के बाद जारी किया जाएगा इसका नोटिफिकेशन

दिल्ली सरकार की राजस्व मंत्री आतिशी ने 7 अगस्त को कहा कि अब तक पूरी दिल्ली के लिए सर्कल रेट एक समान था। लेकिन अब जमीनों का सर्कल रेट बाजार दरों के अनुसार जिलेवार तय किया गया है। एलजी की मंजूरी के बाद खेती वाली जमीनों के सर्कल रेट में बढ़ोतरी का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया जाएगा। इसे लेकर आतिशी ने एक ट्वीट भी किया है। आतिशी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि दिल्ली में कृषि भूमि का सर्कल रेट 2008 से 53 लाख रुपये प्रति एकड़ था, इसलिए इसे अब 15 साल बाद संशोधित किया गया है।

अलग अलग इलाकों में अलग अलग होगी कीमत

नए सर्कल रेट के तय हो जाने के बाद दक्षिण और नई दिल्ली में खेती वाली जमीनों की नई सर्कल दरें 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ होंगी जबकि उत्तरी दिल्ली और दक्षिण पश्चिम दिल्ली के जिलों खेती वाली जमीनों की नई सर्कल दरें 3 करोड़ रुपये प्रति एकड़ होंगी। सेंट्रल दिल्ली में अब खेती वाली जमीनों की नई सर्कल दरें 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ होगी। आतिशी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसकी घोषणा की। नाम न छापने की शर्त पर दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने मनीकंट्रोल से कहा कि सर्कल दरों में बढ़ोतरी से किसानों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कृषि भूमि खरीदना अब महंगा हो जाएगा।

बढ़ जाएगा किसानों का मुआवजा

इससे अब किसानों को मिलने वाला मुआवजा भी बढ़ जाएगा। अधिकारियों ने यह कहा कि अब तक किसानों को 53 लाख रुपये प्रति एकड़ के अधिसूचित सर्कल रेट के अनुसार मुआवजा मिलता था, जब सरकारी निकाय, चाहे वह डीडीए, पीडब्ल्यूडी या एनएचएआई हों, फ्लाईओवर, विश्वविद्यालय, अस्पताल सड़कों जैसे विभिन्न विकास कार्यों के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण करते रहे हैं अधिक पैसे खर्च करने होंगे।

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