Lottery System : अब केंद्र सरकार बदलेगी पुराने जमाने का लॉटरी सिस्टम, इस वजह से लिया फैसला

हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय सरकार पुराने जमाने की लॉटरी प्रणाली को बदलने जा रही है। स्टडी ने कहा कि लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 25 साल पुराना है और इस दौरान बहुत कुछ बदल गया है...

 

Lottery System : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को नियंत्रित करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की है। इंडिया फाउंडेशन (PIF) ने पहल का स्वागत किया और जीओएम से “लॉटरी रेगुलेशन रिफार्म” पर विचार करने की अपील की। फाउंडेशन ने भारत में लॉटरी के नियमों, सामाजिक वित्तपोषण की संभावनाओं पर एक व्यापक अध्ययन किया है।

25 वर्षीय लॉटरी प्रणाली:

स्टडी के अनुसार, लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 25 साल पुराना है और इस दौरान बहुत कुछ बदल गया है। लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 और लॉटरी रेगुलेशन रुल्स 2010 में लॉटरी प्लेयर्स की उम्र और उनके पैसे की सुरक्षा को लेकर कोई प्रावधान नहीं हैं, जो पिछले कुछ वर्षों में घर-घर इंटरनेट के विकास के साथ बनाए गए हैं। साथ ही, विदेशी ऑफश्योर लॉटरी कंपनियां भारत में अवैध तरीके से काम कर रही हैं, जो भारत को बहुत चिंतित करता है और इस पर तुरंत कार्रवाई की जरूरत है।

स्टडी का निष्कर्ष: सभी राज्यों की लॉटरी को लेकर, वर्तमान स्थिति पर, सिर्फ 10 राज्य लॉटरी चलाते हैं। जिनके लॉटरी प्रणाली बहुत पुरानी हैं और बहुत कम पारदर्शी हैं। नई तकनीकों का इस्तेमाल कर लॉटरी चला रहे राज्यों में भी लॉटरी ऑपरेशन पारदर्शी हो सकता है।

इस अध्ययन में दुनिया के दस सबसे बड़े लॉटरी ऑपरेटिंग देशों भी शामिल थे, जिनमें तकनीक का उपयोग कर बच्चों और आम जनता के पैसे की सुरक्षा बेहतर तरीके से की जा रही है। लॉटरी के पैसे से भी सामाजिक कार्यक्रमों का खर्च होता है। 2013 में नीति आयोग के पूर्व वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने पहल इंडिया फाउंडेशन की स्थापना की, जो एक थिंक टैंक है। स्टडी रिपोर्ट फाउंडेशन के वेबसाइट पर देख सकते हैं।