MP Railway : मध्यप्रदेश में इस नई रेलवे लाइन के लिए 1600 हेक्टेयर जमीन होगी अधिग्रहण, 2024 में कार्य होगा पूरा

MP Railway : हाल ही में आए एक अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की इस नई रेलवे लाइन के लिए 1600 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि इस रेलवे लाइन का काम 2024 तक पूरा हो जाएगा...
 

MP News : इंदौर-बुधनी नई रेल लाइन प्रोजेक्ट को तीन साल हो गए। इतने साल में अब तक बुधनी की तरफ से सिर्फ छोटे पुल-पुलियाएं ही बन पाए हैं, जबकि स्वीकृति के वक्त इसे 31 मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। 3262 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट को अब तक 90 करोड़ रुपए ही मिले हैं।

इसमें ज्यादातर राशि खर्च भी हो चुकी। अब रेल विकास निगम लिमिटेड को एक बड़े फंड की जरूरत है, क्योंकि इस लाइन के लिए 1600 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। इसके लिए कम से कम 450 करोड़ रुपए चाहिए। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि डेढ़ साल में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होगी।

इसके बाद रेल लाइन पर काम शुरू होगा। दावा है कि जमीन अधिग्रहण के बाद चार-पांच साल में यह काम पूरा किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन हो चुका है, लेकिन अधिग्रहण में ज्यादा आपत्तियां आईं तो समय ज्यादा लग सकता है।

यह पूरा प्रोजेक्ट पश्चिम मध्य रेलवे की मॉनिटरिंग में होगा। इस प्रोजेक्ट में 50 फीसदी राशि राज्य सरकार ओर 50 फीसदी केंद्र सरकार देगी। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद तक 49 लाख रोजगार मिलने का दावा किया गया है।

2018-19 में स्वीकृत हुआ था प्रोजेक्ट-

वर्तमान स्थिति- रेहाड़ी के पास दो साल पहले काम शुरू हुआ। अभी पुल-पुलियाओं का काम चल रहा।

105 पुल-पुलियाएं बनेंगी। 33 ब्रिज बनाए जाएंगे। 7 किमी लंबी सुरंग चापड़ा से कलवार के बीच बनेगी। एक किमी लंबी सुरंग करनावद के पास बनेगी।

यह रहेगा रूट- मांगलिया, नेमावर, होशंगाबाद, बुधनी। बुधनी, मांगलिया बनेंगे जंक्शन। 205 किमी की लाइन बनने से इंदौर से 68 किमी घटेगी जबलपुर की दूरी।

रेल विकास निगम: जमीन अधिग्रहण के बाद चार-पांच साल में पूरा कर लेंगे काम-

इंदौर-बुधनी नई रेल लाइन का काम देख रहे सीपीएम अतुल निगम का कहना है रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन हो गया है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा इस लाइन पर ब्रिज और अन्य काम हुए है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया के बाद चार-पांच साल में इस लाइन का काम पूरा कर लिया जाएगा।

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