Rajasthan को मेवाड़-मारवाड़ रेलवे लाइन की सौगात, राज्य में परिवहन तंत्र होगा मजबूत

New Railway Lines :राजस्थान में भजन लाल सरकार ने मारवाड़ वह मेवाड़ को जोड़ने वाली रेल लाइन के लिए जमीन देने की हामी भी भर दी है। हाल ही में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है। राजसमंद, देवगढ़, श्रीनाथद्वारा, तथा आमेट उपखंडों में रेलवे लाइन निर्माण के लिए जमीन देने के फैसले को मंजूरी दे दी गई है। जल्द ही मेवाड़ से मारवाड़ को रेल कनेक्टिविटी से सीधा जोड़ दिया जाएगा।

 

Rajasthan Cabinet Decision : राजस्थान में सीएम भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। बैठक में  रेल परिवहन, कर्मचारी कल्याण, विद्युत तंत्र में सुधार और कृषि हित जैसे कई अहम फैसले लिए गए हैं। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान में रेल परिवहन तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ मार्बल, ग्रेनाइट और मीनिंग जैसे उद्योगों का भी विकास किया जाएगा। इन परियोजनाओं के लिए प्रदेश सरकार केंद्र के साथ मिलकर काम करेगी।

सरकार देगी 42 हेक्टेयर जमीन 

राजस्थान सरकार श्रीनाथद्वारा को मेवाड़ तथा मारवाड़ से जोड़ने वाली नई रेलवे लाइन के निर्माण में तेजी से कार्य कर रही है। इसके लिए सरकार ने राजसमंद जिले के राजसमंद, देवगढ़, नाथद्वारा और आमेट उपखंडों की कुल 42 हेक्टेयर जमीन राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 102 के तहत नाथद्वारा-देवगढ़-मदारिया आवागमन परिवर्तन परियोजना के लिए रेलवे मंत्रालय को आवंटित करने की स्वीकृति प्रदान की है। बोर्ड द्वारा जल्दी  नई रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। 

इलाके को  मिलेगा लाभ

राजस्थान में मेवाड़ और मारवाड़ को रेल कनेक्टिविटी से जोड़ देने पर क्षेत्रीय लोगों को काफी लाभ मिलेगा। यात्री मेवाड़ से मारवाड़ की यात्रा कम पैसे खर्च कर तथा थोड़े समय में कर सकेंगे। इसके साथ ही इलाके के विकास में काफी सुधार होगा। अगर देखा जाए तो यहां के लोग यातायात सेवा से काफी प्रभावित रहते हैं। इसलिए उन लोगों के लिए यह सेवा एक बड़े तोफे से कम नहीं होंगी।

पेंशन का भी मिलेगा फायदा

राजस्थान सरकार ने संबंध में बजट 2024-25 की घोषणा पर ध्यान देते हुए राजस्थान सिविल सेवा नियम, 2013 के नियम 3 (9) में संशोधन किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री  डॉ प्रेमचंद बैरवा ने बताया की कर्मचारी की सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर अब आश्रित को केंद्रीय कार्मिकों की तरह यह 10 वर्षों तक बढ़ी हुई दर से पारिवारिक पेंशन का लाभ मिल सकेगा। इन प्रावधानों के लिए राजस्थान सिविल सेवा नियम, 1996 के नियम 55 एवं  62 में संशोधन की अधिसूचना 1 अप्रैल 2024 से प्रभावित होगी।