MP में 600 से अधिक गांवों की जमीनों की कीमतों में होगा उछाल, किसानों की होगी चांदी 
 

Property Guideline: आमतौर पर, नई गाइडलाइन में शहरी क्षेत्रों में मकान और प्लॉट की कीमतें बढ़ जाती हैं, लेकिन गांवों पर ध्यान नहीं दिया जाता। इस बार बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। 600 से अधिक गांवों की जमीन की कीमतों में इजाफा होने जा रहा है, क्योंकि उन्हें उनके असली मूल्य पर लाने की कोशिश की जा रही है।

 
MP में 600 से अधिक गांवों की जमीनों की कीमतों में होगा उछाल, किसानों की होगी चांदी 

The Chopal: आमतौर पर, नई गाइडलाइन में शहरी क्षेत्रों में मकान और प्लॉट की कीमतें बढ़ जाती हैं, लेकिन गांवों पर ध्यान नहीं दिया जाता। इस बार बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। 600 से अधिक गांवों की जमीन की कीमतों में इजाफा होने जा रहा है, क्योंकि उन्हें उनके असली मूल्य पर लाने की कोशिश की जा रही है। रजिस्ट्रार विभाग ने इस पर काम शुरू किया है। Indore Property Guideline के अनुसार, इसका सीधा लाभ उन किसानों को होगा जिनकी जमीन सरकार द्वारा अधिग्रहण की जानी चाहिए।

पिछले दिनों, भारतीय किसान संघ ने राष्ट्रीय राजमार्ग के पूर्वी और पश्चिमी आउटर रिंग रोड सहित योजनाओं में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ धरना दिया था। उनका कहना था कि सरकार इंडोर संपत्ति गाइडलाइन का दोगुना मुआवजा देती है, जो बहुत कम है। गाइडलाइन वर्षों से नहीं बढ़ी, जबकि बाजार मूल्य कई गुना अधिक है। जिला प्रशासन ने इसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बताया. अप्रेल 2025 से लागू होने वाली गाइडलाइन इसका परिणाम होगा।

राजस्व बढ़ेगा

Indore Property Guideline में कीमत कम होने से रजिस्ट्रार विभाग भी प्रभावित होता है। खरीदी-बिक्री कई गुना अधिक कीमत पर हो रही है, लेकिन कम कीमत की गाइडलाइन पर रजिस्ट्री कराई जाती है। लेकिन कुछ बड़ी कंपनियां निश्चित रूप से वास्तविक मूल्य पर रजिस्ट्री करती हैं। विभाग का राजस्व अब बढ़ेगा।

AI बहुत महत्वपूर्ण है

सरकार ने रजिस्ट्रार विभाग को ग्रामीण क्षेत्र की मार्गदर्शिका पर ध्यान दिया है। AI से गांवों की बढ़ी हुई कीमत पर सभी रजिस्ट्रारों को काम पर लगाया गया। गाइडलाइन की कीमतें लगभग 600 स्थानों पर बढ़ाने की योजना है। 20 प्रतिशत से 154% की वृद्धि होगी।

कोई भी भेदभाव नहीं होगा

अब तक, सरकार की कोई भी संस्था योजना बनाती तो प्रभावित गांवों की सूची रजिस्ट्रार विभाग को दी जाती थी। यह स्पष्ट था कि गांवों के निर्देशों को बढ़ाकर किसानों को मुआवजा कब दिया जाएगा, नहीं बढ़ाना चाहिए था। किसानों की नाराज़गी का एक बड़ा कारण भी यही था; हालांकि, राज्य सरकार ने प्रभावित गांवों को वास्तविक कीमत को ध्यान में रखने के निर्देश भी दिए हैं। इसका सीधा लाभ जमीन देने वाले किसानों को मिलेगा।

2019 में कीमत कम हुई

2013-14 से 800 से अधिक गांवों गाइडलाइन नहीं बढ़ी थी। 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ने आदेश जारी कर मप्र में गाइडलाइन की कीमत 20% कम कर दी थी। इस फेर में गांवों की भूमि की कीमत बढ़ने के बजाए कम हो गई, जो आज तक नहीं बढ़ी, जबकि जमीन का बाजार मूल्य दो से तीन गुना हो गया।