सरसों के भाव में आई MSP से इतनी गिरावट, क्या बढ़ेगा रेट 

मंडियों में सरसों की कीमतें मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) से 10 फीसदी नीचे हैं, जिससे कीमतों पर दबाव बना हुआ है। 2023-24 में सरसों का MSP ₹5650/क्विंटल है।

 

The Chopal, New Delhi : मंडियों में सरसों की कीमतें मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) से 10 फीसदी नीचे हैं, जिससे कीमतों पर दबाव बना हुआ है। 2023-24 में सरसों का MSP ₹5650/क्विंटल है। MSP के नीचे सरसों के दाम लगातार दूसरे साल रहे हैं। 1 मार्च तक पूर्व स्टॉक 12 लाख टन है। चार राज्यों के सरसों के उत्पादन में 70% हिस्सेदारी है। सरसों में दबाव के दो मुख्य कारण हैं। पहला, उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है, और दूसरा, खाने के तेल की ड्यूटी फ्री आयात है।

Vijay Solutions के मैनेजिंग डायरेक्टर Vijay Data ने कहा कि आने वाले दिनों में सरसों की आवक और बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही, NAFED ने सरसों खरीदना शुरू किया है। उनका कहना था कि अब बाजार में कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है। 10-12 लाख सरसों मंडियों में खरीदा गया है।

सरसों का उत्पादन अनुमान

साल                   लाख टन
18-19                 92.56
19-20                 91.24
20-21                 102.10
21-22                 119.63
22-23                 126.43
23-24(E)             126.96

Vijay Solutions के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि सरकार 31 मार्च 2025 तक आयात शुल्क नहीं बढ़ाएगी। उनका कहना था कि चुनावों के बाद सरकार अपने निर्णयों को देखेगी। जबकि उद्योग के लिए इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ना आवश्यक है। ड्यूटी फ्री इंपोर्ट ने घरेलू अर्थव्यवस्था को खराब कर दिया है। NAFED इस साल 24-25 लाख टन सरसों खरीद सकता है।

सरसों उत्पादन का दूसरा अनुमान
राज्य                   लाख टन
राजस्थान             58.44
उत्तर प्रदेश          17.46
मध्य प्रदेश           16.65
हरियाणा              13.04
पश्चिम बंगाल         7.81

उनका दावा था कि सरकार 15 से 20 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा सकती है। NAFED खरीद के रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक प्रक्रिया कठिन है। सरसों का मूल्य ₹2-4/किलो हो सकता है।
राजस्थान का 40%, मध्य प्रदेश का 14% सरसों उत्पादन में हिस्सेदारी

सरसों उत्पादन में हिस्सेदारी
राजस्थान           40%
मध्य  प्रदेश        14%
उत्तर प्रदेश        9%
हरियाणा           7%

COOIT के सुरेश नागपाल ने कहा कि सरसों की फसल का उत्पादन 123 लाख टन होगा। सोयाबीन और पाम की कीमतें पिछले दस दिनों में तेजी से बढ़ी हैं। उनका दावा था कि NAFED सरसों की खरीद करने लगा है। देश का खाने का तेल 65 प्रतिशत विदेश से आता है।

17 मार्च तक सरसों का हाल
राज्य                         उत्पादन (लाख MT)
रजस्थान                    53.00
उत्तर प्रदेश                18.00
हरियाणा                   12.00
मध्य प्रदेश                 16.00
पश्चिम बंगाल              6.00

नागपाल ने कहा कि पाम की कीमतों में भी वृद्धि हुई है और सरकार से सरसों DOC एक्सपोर्ट पर राहत की मांग की गई है। उनका कहना था कि सरकार ने सरसों की फसल बढ़ा दी है। 40 प्रतिशत तेल सरसों से मिलता है।

सरसों की MSP
साल                ₹/क्विंटल
2018-19          4200
2019-20          4425
2020-21          4650
2021-22          5050
2022-23          5450
2023-24          5650

नागपाल ने कहा कि देश में 30 से 35 लाख टन सरसों के तेल की मांग है। साल खत्म होने से पहले सरसों की पूरी पेराई होनी चाहिए। सरकार से उद्योग की बातचीत जारी है NAFED अगले दो महीने तक खरीददारी करता रहेगा।

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