UP में जमीन रजिस्ट्री को लेकर नया नियम लागू, नई व्यवस्था के लिए निर्देश हुए जारी 
 

UP News : उत्तर प्रदेश में जमीन रजिस्ट्री को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। उत्तर प्रदेश में जमीन रजिस्ट्री को लेकर नए आदेश जारी किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में अब किस तरह होगी जमीन रजिस्ट्री। पढ़ें पूरी खबर 

 

Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में जमीन रजिस्ट्री को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। उत्तर प्रदेश में जमीन रजिस्ट्री को लेकर नए आदेश जारी किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में अब किस तरह होगी जमीन रजिस्ट्री। उत्तर प्रदेश में जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया अब और ज्यादा आसान होने वाली है। उत्तर प्रदेश में जमीन रजिस्ट्री को लेकर शासनादेश जारी कर दिया गया है। यूपी में जमीन रजिस्ट्री का प्रबंध सरल हो गया है। विकास योजनाओं के लिए जमीन की रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया को राज्य सरकार ने और आसान कर दिया है। सरकारी आदेश जारी किया गया है।

विकास योजनाओं के लिए जमीन की रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया को राज्य सरकार ने और आसान कर दिया है। इसके लिए विभागों से बार-बार राय लेने की आवश्यकता समाप्त हो गई है। इस संबंध में स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने शासनादेश जारी किया है। शासनादेश के अनुसार, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के विशेष सचिव रवीश गुप्ता ने विभागों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा भूमि खरीदने या राज्य सरकार को दान या लीज के रूप में दी गई भूमि की रजिस्ट्री कराने की सुविधा सरलीकृत कर दी गई है। 

पूर्व में निर्धारित प्रणाली में परिवर्तन किया गया है। नई व्यवस्था में सरकारी विभागों के पक्ष में होने वाले सभी हस्तांरण, दान और पट्टा विलेख के लिए विधायी विभाग से बार-बार अनुमति नहीं लेनी होगी। न्याय विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप के आधार पर विधिक परीक्षण किया जाएगा।

विभागों को भेजे गए मानक प्रारूप के रिक्त स्थानों में मात्र सूचना भरी जाएगी, जैसे पक्षकारों और संपत्ति से संबंधित जानकारी। शर्तों को किसी भी तरह बढ़ा या घटाया नहीं जाएगा। परिशिष्ट में संलग्न मानक प्रारूप अपर्याप्त या विसंगत होने पर, संबंधित विभाग इसे विधिक परीक्षण करेगा। ऐसे में, विभाग यह भी प्रयास करेगा कि प्रकरण में एक से अधिक पट्टे या रजिस्ट्री होने पर स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग को सूचित करें।

रजिस्ट्री पर राज्यपाल की ओर से व पद के अधिकार से प्रशासकीय विभाग के सचिव, प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव या उनके द्वारा नियमानुसार प्राधिकृत अधिकारी क्रेता हस्ताक्षर करेंगे। प्रशासकीय विभाग को किसी एक अधिकारी से संबंधित स्टांप विभाग के उपनिबंधक के समक्ष प्रस्तुत करने की अनुमति मिलेगी। संबंधित रजिस्ट्री पर राज्यपाल की ओर से एवं पद के अधिकार से हस्ताक्षर किए गए हैं, इस आशय का पत्र उपनिबंधक को भेजा जाएगा। निष्पादक अधिकारी को उपनिबंधक कार्यालय में उपस्थित होने से छूट मिलेगी।