Uttrakhand में 1 अप्रैल से लागू होगा नया नियम, बिजली कनेक्शन और बिल को लेकर कई नए फैसले

Uttarakhand Electricity News : नए नियमों के अनुसार, ग्राहक को महानगरीय क्षेत्रों में तीन दिन के भीतर नया बिजली कनेक्शन मिलना चाहिए।
 

The Chopal (Uttarakhand News) : उत्तराखंड के विद्युत उपभोक्ताओं को अब अपना नया कनेक्शन लेने के लिए बहुत देर नहीं लगेगी। उन्हें जल्दी कनेक्शन मिलेगा और बिजली का बिल हिंदी में मिलेगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक ने केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के इलेक्टि्रसिटी (राइट ऑफ कंज्यूमर्स) संशोधन रूल्स 2024 को राज्य में लागू कर दिया है। एक अप्रैल से नए नियम लागू होंगे।

नए नियमों के अनुसार, ग्राहक को महानगरीय क्षेत्रों में तीन दिन के भीतर नया बिजली कनेक्शन मिलना चाहिए। नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों में बिजली कनेक्शन सात दिन के भीतर मिलना चाहिए। ग्रामीण इलाकों में 15 दिन में कनेक्ट करना होगा। पहले सभी को कम से कम पंद्रह दिन का समय दिया गया था।

यही कारण है कि एचटी लाइन पर लोड कम करने के लिए आवेदन करने के तीन दिन के भीतर महानगर में, सात दिन पालिका क्षेत्र में और पंद्रह दिन ग्रामीण क्षेत्र में कार्रवाई करनी होगी, अगर कोई सब स्टेशन संबंधी बड़ी बाधा नहीं है। नियामक आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि उत्तराखंड में उपभोक्ताओं की सुविधा को लेकर ये नियम एक अप्रैल से प्रभावी होंगे।

हिंदी में बिजली का बिल मिलेगा

एक अप्रैल से लागू होने वाली नई व्यवस्था के बाद, सभी उपभोक्ताओं को स्पॉट बिलिंग मशीन पर हिंदी में बिजली का बिल मिलेगा। यूपीसीएल को हिंदी में बिजली बिल बनाना पड़ेगा।

एक अप्रैल से उपभोक्ताओं को ये सुविधाएं दी जाएंगी।

नवीनतम कनेक्टिविटी : एक अप्रैल से पहले, ग्राहक को समय पर सेवा नहीं मिलने पर दंड मिलेगा। अब स्वत: हर्जाना देने का प्रावधान है, जो पहले केवल प्रतिपूर्ति का था। यूपीसीएल को नए कनेक्शन में निर्धारित समय सीमा को पूरा नहीं करने पर पांच रुपये प्रति हजार हर्जाना देना होगा। यानी अगर किसी उपभोक्ता ने 10 हजार रुपये का शुल्क जमा किया है, तो यूपीसीएल उसके खाते में 50 रुपये प्रतिदिन की हर्जाना सीधे भेजेगा।

मीटर टेस्टिंग : 30 दिन के भीतर किसी भी शिकायत पर मीटर को परीक्षण करना होगा। यदि मीटर 15 दिन के भीतर नहीं बदला गया तो हर दिन 50 रुपये का हर्जाना लगना शुरू हो जाएगा। यह भी अटके हुए या गलत मीटर पर लागू होगा। जले हुए मीटर की शिकायत मिलने पर आपूर्ति छह घंटे के भीतर बहाल करनी होगी। तीन दिन के भीतर नया मीटर लगाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो ग्राहक को हर दिन सौ रुपये का हर्जाना मिलना शुरू हो जाएगा।

लोड घटाना या बढ़ाना : बिजली का भार बढ़ाना या घटाना करने के बाद निर्धारित समय सीमा में काम करना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता, तो 50 रुपये प्रतिदिन का स्वत: हर्जाना ग्राहक के खाते में जाएगा। 50 हजार अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है।

Also Read : बुलेट ट्रेन को लेकर आया बड़ा अपडेट, रेलवे मंत्री ने वीडियो शेयर कर दी जानकारी