NHAI बनाने जा रहा है ऐसा रास्ता, 1 परियोजना से बढ़ेगी 3 गुना कमाई

देश भर में बन रहे सड़कों और हाईवे के जाल से सरकार की जेब भी भर जाएगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) का कहना है कि सिर्फ एक परियोजना पूरी होने से हमारी आय तीन गुना बढ़ जाएगी।
 

The Chopal - देश भर में बन रहे सड़कों और हाईवे के जाल से सरकार की जेब भी भर जाएगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) का कहना है कि सिर्फ एक परियोजना पूरी होने से हमारी आय तीन गुना बढ़ जाएगी। अगले पांच वर्षों में इस परियोजना का पहला चरण पूरा करने का लक्ष्य है। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना, भारतमाला परियोजना, मंत्रालय का संकेत है। मंत्रालय ने कहा कि परियोजना का पहला चरण 20228 से 29 तक पूरा होगा। टोल टैक्स और राजमार्गों की मोनेटाइजेशन से 2022-23 में कमाई का लगभग 3 गुना होगा।

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9 साल में कमाई 9 गुना बढ़ी

मंत्रालय के दस्तावेजों से पता चलता है कि मंत्रालय की कमाई पिछले करीब नौ वर्षों में नौ गुना बढ़ी है। 2013-14 में टोल वसूली और राजमार्गों के मोनेटाइजेशन से सरकार ने 41,300 करोड़ रुपये कमाए, जबकि 2013-14 में यह सिर्फ 4,770 करोड़ रुपये था।

भारतमाला का इतना महत्व क्यों है?

भारतमाला परियोजना के पहले फेज में 35 हजार किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का लक्ष्य है, मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया। इसमें से 26,000 किलोमीटर के 8.24 लाख करोड़ रुपये की लागत वाले राजमार्ग का निर्माण अब तक पूरा हो चुका है। इसमें से भी 14,000 किलोमीटर काम पूरा हो चुका है, बाकी 2027 से 2028 तक पूरा हो जाएगा। 2017 में सरकार ने भारतमाला परियोजना शुरू की, जिसका उद्देश्य देश के सबसे बड़े शहरों को आपस में जोड़ना था।

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राजमार्गों का निर्माण

भारतमाला परियोजना का निर्माण कई श्रेणियों में किया जा रहा है। इसमें इकनॉमिक कॉरिडोर, इंटर-कॉरिडोर और फीडर रूट बनाए जाएंगे। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी के लिए बॉर्डर सड़कें भी बनाई जाएंगी। मार्च 2023 तक, 24,837 किलोमीटर लंबी सड़कों में से 11,789 किलोमीटर का निर्माण पूरा हो गया था।

MP में सबसे अधिक निर्माण

भारतमाला परियोजना का 34,800 किलोमीटर का सबसे बड़ा हिस्सा मध्य प्रदेश में है। यहां अभी तक 3,176 किलोमीटर सड़कें बनाई जा रही हैं, जबकि महाराष् ट्र में 3,018 किलोमीटर, यूपी में 3,014 किलोमीटर और आंध्रप्रदेश में 2,515 किलोमीटर सड़कें बनाई जा रही हैं। 12 राज् यों में तो औसतन 1,500 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कें बनाई जा रही हैं।