अब पत्नी के नाम से खुलवाएं यह अकाउंट, हर महीने मिलेंगे 47066 रुपए
The Chopal - नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System - NPS) एक फाइनेंशियल स्कीम है जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत और सुरक्षित रिटायरमेंट प्लानिंग करना है। यह एक बचत योजना है जिसमें व्यक्ति अपने रिटायरमेंट के लिए पैसा जमा करता है, जिससे वे अपने बाद के जीवन के लिए आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। इस स्कीम के तहत व्यक्ति अपने पति या पत्नी के नाम पर भी NPS अकाउंट खोल सकते हैं, जिससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्राप्त करने का एक सुविधानुसार तरीका मिलता है।
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लेकिन NPS से धन कैसे मिलेगा?
मान लीजिए आपकी पत्नी 30 साल की है और आप हर महीने 5000 रुपये NPS अकाउंट में जमा करते हैं। आपका सालाना निवेश 60,000 रुपये होगा। 30 साल तक निवेश करें। कुल मिलाकर, आपका निवेश 18 लाख रुपये होगा। आपके पास रिटायरमेंट के वक्त 1,76,49,569 रुपये का बड़ा धन तैयार होगा। सिर्फ ब्याज से 1,05,89,741 रुपए मिलेंगे। यहाँ हमने औसत ब्याज 12 प्रतिशत रखा है। कंपाउंडिंग अब काम करता है। यद्यपि आपका निवेश 18 लाख रुपए था, लेकिन कम्पाउंडिंग आपके पैसे को 1,76,49,569 रुपए से ऊपर ले गया।
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NPS के तहत, पत्नी के नाम पर अकाउंट खोलने के कुछ महत्वपूर्ण पहलू हैं:
योग्यता: NPS अकाउंट के लिए योग्यता की आयु 18 से 60 वर्ष है, जिसमें पत्नी भी शामिल हो सकती है।
निवेश: पत्नी के नाम पर NPS अकाउंट में निवेश करने की कीमत में कोई स्थिति नहीं है, आप 1,000 रुपए से भी अधिक निवेश कर सकते हैं।
समय: पत्नी के नाम पर NPS अकाउंट 60 वर्ष की उम्र में मैच्योर हो जाता है, जब उन्हें एक एकमुश्त रकम मिलती है, और वे अपने रिटायरमेंट के लिए आवश्यक पैसा निकाल सकती हैं।
पेंशन: इसके अलावा, NPS अकाउंट का बड़ा लाभ यह है कि आप स्वयं तय कर सकते हैं कि पत्नी को पेंशन के रूप में हर महीने कितने पैसे चाहिए। इससे आपकी पत्नी को 60 की उम्र में पैसे की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
केंद्र सरकार की निगरानी: NPS केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली सोशल सिक्योरिटी स्कीम है, इसका मतलब है कि इसमें निवेश किए गए पैसे का प्रबंधन प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स द्वारा किया जाता है। यह स्कीम केंद्र सरकार की निगरानी में है, जिससे निवेशकों के पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित रहती है।
NPS के माध्यम से व्यक्ति अपने रिटायरमेंट के लिए आवश्यक धन जमा कर सकते हैं और उन्हें अपनी आय के बाद नियमित भुगतान के रूप में पेंशन मिलती है। यह उन्हें आर्थिक सुरक्षा देता है और रिटायरमेंट के समय पैसे की टेंशन से बचाता है।