UP में अब चकाचक होंगी गांवाें की सड़कें, ठेकेदारों को मिली ये बड़ी जिम्मेदारी, सीएम योगी का आदेश

UP Khabar : मुख्यमंत्री योगी ने लोक निर्माण विभाग (PWD) को सख्त निर्देश दिए हैं कि यूपी के गांवों की सड़कों को जल्दी ही सुधार दिया जाएगा, जिससे गांवों के लोगों को बेहतर सड़क मिलेगी।
 

The Chopal (UP News) : अब उत्तर प्रदेश का चित्र बदलने वाला है। अब गांवों से शहर तक सड़कें चकाचक होंगी। प्रदेश में बनने वाली सभी गांव की सड़कों को पांच वर्षों के भीतर मरम्मत दी जाएगी। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस विषय में बनाई गई नई नीति को कैबिनेट बाइर्कुलेशन ने मान्यता दी है। इसके बाद भी गांव की सड़कें सुंदर होंगी।

ग्रामीण सड़कों को अभी तक आठ वर्ष बाद ही सुधार किया गया है। राज्य मार्गों और प्रमुख जिला मार्गों के लिए चार वर्ष, अन्य जिला मार्गों के लिए पांच वर्ष और ग्रामीण मार्गों के लिए आठ वर्ष की आवश्यकता थी।

पांच वर्षों तक ठेकेदार देखरेख करेगा

नई नीति के अनुसार, लोक निर्माण विभाग के अधीन आने वाले चारों प्रकार के मार्गों की देखरेख पांच वर्षों तक बनाने वाले ठेकेदार की होगी। इसके बाद, वे मरम्मत किए जाएंगे अगर सड़क खराब होती है। लोनिवि ने 2003 से नियम बनाया है कि ग्रामीण सड़कों को हर आठ वर्ष बाद ही नवीनीकरण किया जाएगा। 20 साल में राज्य के ग्रामीण इलाकों में भी वाहनों की संख्या काफी बढ़ी है। इससे आठ साल पहले कई सड़कें टूट गईं।

नीति सरकार को मंजूरी के लिए भेजी गई

प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करने के अभियान के सर्वेक्षण में, ग्रामीण सड़कों का सबसे बुरा हाल था। नई नीति बनाकर सरकार को मंजूरी के लिए भेजी गई। उत्तर प्रदेश में 2,11,597 किलोमीटर सड़कें हैं।

पदोन्नति की असमानता भी दूर हुई

लोनिवि के विद्युत व यांत्रिक विभाग में तैनात सहायक अभियंताओं की पदोन्नति की असहमति भी दूर हो गई है, जो एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव है। इस विभाग में तैनात सहायक अभियंताओं की पदोन्नति का 40 प्रतिशत कोटा डिप्लोमा होल्डर्स और 8.33 प्रतिशत कोटा डिग्री होल्डर्स को प्रदान किया गया है।

पदोन्नति का रास्ता साफ है

2004 से ही, लोनिवि के अन्य विभागों में दोनों के लिए 50-50 प्रतिशत कोटा निर्धारित कर पदोन्नति दी जाती थी। यह व्यवस्था विद्युत और यांत्रिक विभाग में लागू नहीं हो पाई थी। प्रस्ताव मंजूर होने के बाद, विद्युत और यांत्रिक विभाग में तैनात सहायक अभियंताओं को 50-50 प्रतिशत व्यवस्था के अनुसार पदोन्नति मिलने का भी रास्ता साफ हो गया है।

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