अब केंद्र सरकार की इस योजना से रुकेगी महंगाई, गेहूं के स्टॉक लिमिट में होगी 50 प्रतिशत कटौती

Wheat : महंगाई कम करने के ल‍िए केंद्र ने व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी र‍िटेल चेन के खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसरों के लिए गेहूं स्टॉक की ल‍िम‍िट में संशोधन कर द‍िया है. व्यापार‍ियों और थोक विक्रेताओं के ल‍िए ल‍िम‍िट 1000 मीट्रिक टन से घटाकर 500 मीट्रिक टन कर दी गई हैं.
 

The Chopal, Wheat 2024 : महंगाई कम करने के ल‍िए केंद्र ने व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी र‍िटेल चेन के खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसरों के लिए गेहूं स्टॉक की ल‍िम‍िट में संशोधन कर द‍िया है. व्यापार‍ियों और थोक विक्रेताओं के ल‍िए ल‍िम‍िट 1000 मीट्रिक टन से घटाकर 500 मीट्रिक टन कर दी गई हैं. यानी 50 फीसदी की कटौती. उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है क‍ि कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं के लिए आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं स्टॉक की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने के भी प्रयास हो रहे हैं. 

सभी गेहूं स्टॉकिंग संस्थाओं को गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर पंजीकरण करना और प्रत्येक शुक्रवार को स्टॉक स्थिति अपडेट करना आवश्यक है. कोई भी संस्था जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाई गई या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है तो उसके ख‍िलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई होगी. अगर इन संस्थाओं द्वारा रखे गए स्टॉक उपरोक्त निर्धारित सीमा से अधिक हैं, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा में लाना होगा. 

स्टॉक सीमा में क्या-क्या बदलाव 

केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन स्टॉक सीमाओं के कार्यान्वयन की बारीकी से निगरानी करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई बनावटी कमी पैदा न हो. गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के ल‍िए कौन-कौन से बदलाव क‍िए गए हैं इसे भी समझ लीज‍िए. 

व्यापार‍ियों और थोक विक्रेताओं के ल‍िए पहले स्टॉक ल‍िम‍िट 1000 मीट्रिक टन थी, ज‍िसे अब घटाकर 500 मीट्रिक टन कर द‍िया गया है. 

रिटेल आउटलेट के लिए पहले भी स्टॉक ल‍िम‍िट 5 मीट्रिक टन थी और अब भी यही ल‍िम‍िट बरकरार रखी गई है. जो बड़े प्रोसेसर हैं उनके ल‍िए मासिक स्थापित क्षमता के 70 फीसदी की जगह पर 60 फीसदी की ल‍िम‍िट तय की गई है.  
बड़ी चेन के खुदरा विक्रेताओ के प्रत्येक आउटलेट के लिए 5 मीट्रिक टन की सीमा पहले की तरह की बरकरार रहेगी. लेक‍िन उनके सभी डिपो पर 1000 मीट्रिक टन की बजाय अब ल‍िम‍िट 500 मीट्रिक टन की होगी.

ओपन मार्केट सेल का गण‍ित  

मंत्रालय ने कहा है क‍ि गेहूं और आटा की महंगाई को कम करने के ल‍िए सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत कई कदम उठाए हैं. रियायती कीमत पर 101.5 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं की नीलामी एफसीआई द्वारा की जा रही है. इसके ल‍िए स‍िर्फ 2150 रुपये प्रत‍ि क्विंटल का दाम ल‍िया जा रहा है. आवश्यकता के आधार पर जनवरी-मार्च 2024 के दौरान ओएमएसएस के तहत अतिरिक्त 25 एलएमटी को उतारा जा सकता है. अब तक एफसीआई द्वारा साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से प्रोसेसरों को 80.04 एलएमटी गेहूं बेचा जा चुका है. दावा है क‍ि इससे खुले बाजार में सस्ती कीमतों पर गेहूं की उपलब्धता बढ़ गई है, जिससे देश भर में आम उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है. 

सहकारी एजेंस‍ियां भी मैदान में उतारी गईं

एफसीआई, नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार जैसे केंद्रीय सहकारी संगठनों को आटा प्रोसेस‍िंग और उनके आउटलेट के माध्यम से 'भारत आटा' ब्रांड की ब‍िक्री स‍िर्फ 27.50 रुपये प्रत‍ि क‍िलोग्राम की र‍ियायती कीमत पर की जा रही है. इन एजेंस‍ियों को 7.5 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं को आटे में बदलने और 'भारत आटा' ब्रांड के तहत बिक्री के लिए आवंटित किया गया है. पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के आवंटन की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है.

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