पेट्रोल-डीजल से पाकिस्तान का बुरा हाल, लेकिन फिर भी है भारत से सस्ता तेल , सबसे सस्ता इस देश में 34 पैसे लीटर पेट्रोल 

पाकिस्तानी रुपये में डीजल और पेट्रोल की कीमतें 330 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो गई हैं। पाकिस्तानी पेट्रोल 84.19 रुपये प्रति लीटर है, इसके बावजूद यह भारत से सस्ता है।

 

The Chopal News : कच्चे तेल की आवाज आसमान को छूने लगी है। क्रूड ऑयल की कीमत लगभग 95 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। कई देशों में पेट्रोल-डीजल पर इसका असर दिखने लगा है। पाकिस्तान में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद, विपक्षी पार्टियों ने इस फैसले को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

पाकिस्तान में पेट्रोल दिल्ली से करीब 12 रुपये सस्ता है

बता दें कि शुक्रवार रात वित्त मंत्रालय ने पेट्रोल की कीमत में 26.02 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 17.34 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा की। पाकिस्तानी रुपये में डीजल और पेट्रोल की कीमतें अब 330 रुपये प्रति लीटर के पार हो गई हैं। पाकिस्तानी पेट्रोल भारत में 84.19 रुपये प्रति लीटर पड़ता है, जो दिल्ली में 96.72 रुपये से लगभग 12 रुपये सस्ता है।

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विश्व का सबसे सस्ता पेट्रोल 34 पैसे प्रति लीटर है

वेनेजुएला विश्व में पेट्रोल का सबसे कम दाम है। https://www.globalpetrolprices.com/ पर जाकर एक लीटर पेट्रोल 34 पैसे में मिलेगा। ईरान में पेट्रोल प्रति लीटर 2.37 रुपये और लीबिया में 2.56 रुपये है। कुवैत में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 28.20 रुपये है, जबकि अल्जीरिया में 27.77 रुपये है। अंगोला में पेट्रोल 30 रुपये प्रति लीटर है, जबकि इजिप्ट में 30.84 रुपये प्रति लीटर है। हांगकांग में सबसे महंगा लीटर पेट्रोल 256.18 रुपये है।

नेपाल में तेल की कीमत सबसे अधिक है

पाकिस्तान में पेट्रोल 70.47 रुपये प्रति लीटर है, जबकि भूटान में 74.70 रुपये है। बांग्लादेश में 94.41 रुपये हैं, जबकि म्यांमार में 98.17 रुपये हैं। श्रीलंका में पेट्रोल की कीमत 106.91 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसके विपरीत, नेपाल में 113.69 रुपये है।

औसत लीटर पेट्रोल की कीमत 1.36 डॉलर है।

www.globalpetrolprices.com के अनुसार पेट्रोल की विश्वव्यापी औसत कीमत 1.36 डॉलर प्रति लीटर है। इसके बावजूद, इन कीमतों में देशों के बीच काफी अंतर है। तेल उत्पादन और निर्यात करने वाले देशों और अमीर देशों में कीमतें कम होती हैं। अमेरिका, एक आर्थिक रूप से विकसित देश, कम कीमतों पर है। गैसोलीन के विभिन्न करों और सब्सिडी के कारण विभिन्न देशों में गैसोलीन की लागत में अंतर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम की कीमतें समान हैं, लेकिन फिर देशों ने अलग-अलग कर लगाने का फैसला किया। इसलिए खुदरा कीमत अलग है। 

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