सख्त जमीन की इस तरह करे जुताई, भूमि की उर्वरक शक्ति को मिलेगा बढ़ावा

गेहूं की फसल को काटकर किसानों ने फसल निकाल कर मंडियो में भेज दी साथ ही घर में स्टोर कर ली, इसके साथ गुस्से का भी काम निपटा लिया है, कुछ किसानों ने तो कॉटन की भी फसल वह दी है साथ ही कुछ किसान धान की खेती का प्लान बना रहे हैं, किसान धान के लिए खाली पड़ी जमीन की बुवाई करने का प्लान बना रहे है.
 

The Chopal : गेहूं की फसल को काटकर किसानों ने फसल निकाल कर मंडियो में भेज दी साथ ही घर में स्टोर कर ली, इसके साथ गुस्से का भी काम निपटा लिया है, कुछ किसानों ने तो कॉटन की भी फसल वह दी है साथ ही कुछ किसान धान की खेती का प्लान बना रहे हैं, किसान धान के लिए खाली पड़ी जमीन की बुवाई करने का प्लान बना रहे हैं तो आइये हम आपको बताते हैं कि किस तरह की जमीन को कैसे जोतना चाहिए जमीन में भी अलग-अलग तरह के गुण होते हैं  एक तो पक्की जमीन जो लाल मिट्टी की होती है वह ज्यादा सख्त होती है जिसे जोतना में किसानों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है साथी बालू मिट्टी की भी जमीन होती है जिसकी जुताई आसान होती है अधिक जोर नहीं लगाना पड़ता.

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और कृषि विशेषज्ञ डॉ. संतोष पांडेय ने बताया कि इस समय जायद की खेती का मौसम चल रहा है. अगर आपका परती खेत है तो गहराई जुताई करनी चाहिए. इसके बाद जुताई करके छोड़ देना चाहिए. इससे खरपतवार की मैनेजमेंट में आसानी होती है. खेत को बहुत लाभ होता है. यह जुताई किसानों को मई के अंत तक कर देनी चाहिए.

इस समय करें पहली जुताई

कृषि विशेषज्ञ संतोष पांडेय ने बताया कि किसान के पास पर्याप्त मात्रा में पानी मौजूद है तो रबी की फसल से पहले मूंग की खेती भी कर सकते हैं. अगर किसान का खेत नदी के आसपास है तो कछार क्षेत्र में सब्जी की खेती कर सकते हैं. अगर कोई खेती नहीं करना चाहते हैं तो मई महीने के अंत में जुताई कर लें. इससे खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाएगी.