UP में बंटेगा पावर कॉरपोरेशन, निजीकरण के लिए अहम फैसला, निजी निवेशक आगे आएंगे
 

UP Electricity Company : यूपी पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों को विभाजित कर पांच नई कंपनियां बनाने का फैसला किया है। पूर्वी क्षेत्र में तीन और दक्षिणी क्षेत्र में दो संस्थाएं बनाई जाएंगी। इन नई कंपनियों में प्रत्येक के करीब 30 से 35 लाख ग्राहक होंगे।

 

UP News : उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को विभाजित कर पांच नई कंपनियां बनाने का फैसला किया है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को विभाजित कर तीन नई कंपनियां बनाई जाएंगी, जबकि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को विभाजित कर दो नई कंपनियां बनाई जाएंगी। इन नई कंपनियों में प्रत्येक के करीब 30 से 35 लाख ग्राहक होंगे। ऐसा होने पर किसी एक निजी घराने, या कंपनी, पर नियंत्रण की आशंका समाप्त हो जाएगी।

उच्च प्रबंधन की दिनभर चली बैठक में, कॉरपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल की अध्यक्षता में, उपरोक्त बातों पर सहमति बनी. बैठक शक्तिभवन में हुई थी। कुल मिलाकर, पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को पांच भागों में विभाजित करना ही उचित होगा।

पांच कंपनियों की स्थापना से अधिक निवेशक आएंगे, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी

पांच कंपनियां बनने पर कई निजी निवेशक आएंगे, जिससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी। नई कंपनियों को उनके मंडलों और जिलों में उनके प्रशासनिक नियंत्रण में आसानी होगी। प्रत्येक कंपनी में बड़े नगर, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र होंगे। सूत्रों के अनुसार, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज शामिल हो सकते हैं।  इसी प्रकार दक्षिणांचल में आगरा और झांसी को केंद्र में रखते हुए दो कंपनियां बनाई जाएं।

सेवा शर्तों और भुगतान के बारे में स्पष्ट घोषणा होगी

सभा ने निर्णय लिया कि रिफार्म के संबंध में होने वाले एग्रीमेंट में अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा शर्तें, वेतन, प्रोन्नति, समय सीमा आदि के बारे में स्पष्ट प्रावधान होंगे। उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं और धार्मिक मूल्यों का नुकसान न हो।

Power Corporation के कर्मचारियों को पदोन्नति मिलेगी

चर्चा में यह भी चर्चा हुई कि कुछ लोगों का मानना है कि पावर कॉरपोरेशन में नई कंपनियों की स्थापना के बाद कर्मचारी और अधिकारी पदोन्नत नहीं हो सकेंगे। स्पष्ट किया गया है कि पुनर्गठन के बाद पावर कॉरपोरेशन में कार्यरत सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की पदोन्नति के पद इसी अनुपात में बनी रहेगी। किसी भी स्तर पर पदोन्नति के अवसर नहीं होंगे।

रिफॉर्म के मुख्य बिंदु

अधिकारियों/कर्मचारियों का हित सुरक्षित रहेगा

सेवा शर्तों और सेवानिवृत्ति लाभों में कोई कमी नहीं की जाएगी।

अधिकारियों/कर्मचारियों को तीन विकल्प दिए जाएंगे:

उसी स्थान पर बने रहना।
किसी अन्य कंपनी में स्थानांतरित होना।
आकर्षक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) का लाभ लेना।

निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी, निजीकरण नहीं

व्यवस्था में चेयरमैन शासन का कोई वरिष्ठ अधिकारी होगा।
इससे कर्मचारियों, किसानों और उपभोक्ताओं के हित सुरक्षित रहेंगे।

नई कंपनी में हिस्सेदारी का प्रस्ताव

यदि अधिकारी/कर्मचारी रिफॉर्म प्रक्रिया में सहयोग करते हैं, तो प्रदेश सरकार नई कंपनी में हिस्सेदारी देने पर विचार करेगी।

सुधार केवल कमजोर क्षेत्रों में

रिफॉर्म उन क्षेत्रों में लागू होगा जहां स्थितियां बेहतर नहीं हैं।
जहां अधिकारियों और कर्मचारियों ने सुधार किए हैं, वे क्षेत्र इस प्रक्रिया से बाहर रहेंगे।