UP में बदला बिजली चोरी मुकदमा, अब इस आधार पर नहीं होगा मुकदमा दर्ज 
 

UP News : उत्तर प्रदेश में अब बिजली चोरी का मुकदमा अब इस आधार पर तय किया जाएगा। बिजली चोरी के मुकदमे अब सिर्फ आशंका पर दर्ज नहीं किए जाएंगे। बिजली चोरी का कोई संकेत नहीं है अगर सर्विस केबल या मीटर की बॉडी टूट गई है।

 

Electricity News: उत्तर प्रदेश में अब बिजली चोरी का मुकदमा अब इस आधार पर तय किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में अब बिजली चोरी का मुकदमा अब इस आधार पर तय किया जाएगा। बिजली चोरी के मुकदमे अब सिर्फ आशंका पर दर्ज नहीं किए जाएंगे। बिजली विभाग अब उपभोक्ता के खिलाफ आशंका के आधार पर बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज नहीं कर सकेगा। परीक्षण के दौरान बिजली चोरी का कोई संकेत नहीं मिलता अगर उपभोक्ता परिसर की सर्विस केबल या मीटर की बॉडी टूटी हो। ऐसे मामलों में, लेसा कर्मचारी परिसर के बाहर नए मीटर को स्थापित करेंगे, पुरानी सर्विस केबल को आर्मर्ड केबल से बदलकर। साथ ही, अगले तीन महीने के सामान के उपभोग की तुलना पिछले वर्ष के महीनों से करके असिस्मेंट बिल बनाएंगे।

नव विकसित इलाकों में बिजली कनेक्शन के लिए अब एनओसी की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदक को क्षेत्र से निकट की लाइन से विस्तार करने के लिए विभाग न्यूनतम एस्टीमेट पर कनेक्शन देगा। गत शनिवार को मध्यमचल विद्युत निगम के एमडी भवानी सिंह ने मुख्य अभियंताओं (वितरण) को आदेश दिया है। बिजली चेकिंग के नाम पर लेसा अब उपभोक्ताओं को ठग नहीं सकेगा। यदि सर्विस केबल एक या अधिक स्थानों पर कटी है, तो जांच में बिजली चोरी का पर्याप्त सबूत नहीं मिलता।

परिसर के बाहर आर्मर्ड केबल से नये मीटर लगाए जाएं

विद्युत अधिनियम की धारा-135 के अनुसार, बिजली उपभोक्ता परिसर से उतारे गए मीटर की ब्रॉट-इन के आधार पर मीटर टेम्पर की जांच पूर्व लैब में की जाएगी। मुकदमें और असेसमेंट का आधार मीटर टेम्पर के प्रमाण के अभाव में केवल मीटर शरीर की सील टूटी होने, एलईडी लेग टूटने या मीटर में छेड़छाड़ का संदेह होना पर्याप्त नहीं है।

बिजली कनेक्शन के लिए एनओसी की जरूरत नहीं

मध्यांचल निगम के एमडी भवानी ने कहा कि बिजली लाइन बनाने के लिए चाहे पहले किसी निजी आवेदक ने जमा योजना में पैसे जमा किए हों, ऐसा नहीं होगा। इसके बावजूद, डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंसी अब निर्मित लाइन का मालिक है। किसी को भी डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंसी से विद्युत कनेक्शन मिल सकता है। विद्युत कोड में इसके लिए मूल जमाकर्ता की एनओसी (कंसेंट) की आवश्यकता नहीं है।