Property Documents : प्रॉपर्टी खरीदते वक्त सबसे ज्यादा जरूरी चीज, इस कागजात के बिना नहीं मिलेगा मालिकाना हक
 

अपने सपनों का घर बसाने के लिए लोग कड़ी मेहनत करते हैं. पाई-पाई जोड़कर व्यक्ति इस सपने को साकार करने की कोशिश करते हैं. लेकिन जब यह सपना सच होने की कगार पर पहुंचता है तो इस प्रक्रिया में ढेर सारा पेपरवर्क (paperwork) होता है.
 

The chopal - अपने सपनों का घर बसाने के लिए लोग कड़ी मेहनत करते हैं. पाई-पाई जोड़कर व्यक्ति इस सपने को साकार करने की कोशिश करते हैं. लेकिन जब यह सपना सच होने की कगार पर पहुंचता है तो इस प्रक्रिया में ढेर सारा पेपरवर्क (paperwork) होता है. अगर होम लोन ले रहे हैं तो बैंक और प्रशासन का भी काफी पेपरवर्क होता है. कई लोग तो ऐसे भी होते हैं जिन्हें प्रॉपर्टी से जुड़े डॉक्यूमेंट (document) के बारे में ज्ञान भी बहुत कम होता है. पर यही डॉक्यूमेंट संपत्ति पर आपकी दावेदारी पेश करते हैं. इसलिए जरूरी है घर-मकान, जमीन लेने से पहले आपको इनके बारे में पता होना.

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कोई भी डील करने से पहले बहुत सारी चीजों की जानकारी हासिल करना जरूरी है. इस काम के लिए आप कानूनी सलाह भी ले सकते हैं. आइए आपको उन दस्तावेजों के बारे में बताते हैं जो घर खरीदने के लिए अनिवार्य होते हैं.

बैनामा-

घर खरीदने के लिए कागज का यह पन्ना सबसे जरूरी होता है. असली बैनामा संपत्ति पर आपका मालिकाना हक साबित करता है. जिस इलाके में संपत्ति स्थित है, वहीं के सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में जाकर आपको अपनी प्रॉपर्टी रजिस्टर करानी पड़ती है.

ऑक्यूपॅन्सि सर्टिफिकेट-

अऑक्यूपॅन्सि सर्टिफिकेट एक अहम दस्तावेज है, जिसे बिल्डर से जरूर लेना चाहिए. अगर वह इसे नहीं देता तो खरीददारों को यह अधिकार है कि वह डिवेलपर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करें.

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पजेशन लेटर- 

डिवेलपर खरीददार के हक में पजेशन लेटर जारी करता है, जिसमें प्रॉपर्टी पर कब्जे की तारीख लिखी होती है. होम लोन पाने के लिए इस दस्तावेज की असली कॉपी को पेश करना जरूरी होता है. जब तक ओसी हासिल नहीं किया जाएगा, तब तक पोजेशन लेटर अकेले प्रॉपर्टी पर कब्जे के लिए काफी नहीं माना जा सकता.

मॉर्गेज-

मॉर्गेज (Mortgage) या गिरवी रखना एक प्रकार का ऋण है जिसका उपयोग उधारकर्ता किसी मकान की खरीद या रखरखाव करने के लिए या रियल एस्टेट के अन्य रूपों में करता है. साथ ही समय के साथ इसका भुगतान करने पर सहमति जताता है. प्रॉपर्टी, लोन सिक्योर करने में कोलैटरल के रूप में काम करती है.

म्यूटेशन (दाखिल-खारिज)-

यह दस्तावेज ग्राम पंचायत की संपत्तियों में काम आता है. इसमें पिछले मालिक की जानकारी होती है. हालांकि असली दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन अगर आप ग्राम पंचायत के तहत आने वाले इलाकों में प्रॉपर्टी लेते हैं तो इसे दिखाना अनिवार्य होता है.

नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC)-

बहुत कम लोग यह बात जानते होंगे कि एक प्रोजेक्ट बनाने के लिए बिल्डर को अलग-अलग अथॉरिटीज से 19 एनओसी लेनी पड़ती हैं. हालांकि विभिन्न शहरों में यह संख्या अलग-अलग हो सकती है. आप अपने डिवेलपर से इन एनओसी की कॉपी अपने पर्सनल रिकॉर्ड में रखने के लिए मांग सकते हैं.

अलॉटमेंट लेटर-

होम लोन पाने के लिए अलॉटमेंट लेटर बेहद जरूरी दस्तावेजों में से एक होता है. इसे डिवेलपर या हाउजिंग अथॉरिटी द्वारा जारी किया जाता है. इसमें प्रॉपर्टी का विवरण और ग्राहक ने बिल्डर को कितना पैसा दिया है, इसकी जानकारी होती है.

प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें-

 घर के मालिकों को टैक्स चुकाना पड़ता है. यह भी सुनिश्चित करें कि पिछले मालिक ने प्रॉपर्टी टैक्स चुकाया है और अब कोई बकाया नहीं है. प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें संपत्ति की कानूनी स्थिति साबित करने में भी मदद करती हैं.