Punjab में हथियार शौकीनों के लिए जरूरी अपडेट, हाईकोर्ट का सख्त रुख 
 

Punjab News : पंजाब में हथियार रखने के लिए लाइसेंस लेने की मंजूरी देने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य के डीजीपी से पूछा है कि अलग-अलग जिलों में अलग-अलग प्रक्रिया क्यों है। उदाहरण के लिए लुधियाना पुलिस कमिश्नर इसके लिए सांझ पोर्टल की मदद ले रहे हैं जबकि अन्य जिलों में ऐसा नहीं हो रहा। पढ़ें पूरी खबर 

 

High Court : जस्टिस हरकेश मनुजा ने पंजाब सरकार से यह बताने को कहा कि क्या हथियारों का महिमामंडन करने वालों पर दर्ज एफआईआर और आरोप पत्र में नामजद व्यक्तियों के हथियार लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है जब मामला फिर से हाईकोर्ट में पहुँचा। अदालत ने हथियारों को समारोह में दिखाने वालों और सोशल मीडिया पर दिखाने वालों के खिलाफ पांच वर्ष का ब्यौरा हलफनामे में पेश करने का आदेश दिया है।    

राज्य सरकार के दिशा निर्देश क्या हैं। हथियार के लाइसेंस की मंजूरी के लिए एक पोर्टल पर काम क्यों नहीं किया जा रहा। जस्टिस हरकेश मनुजा ने राज्य के डीजीपी से पूछा कि ऐसे कितने गानों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई जो हथियारों का गुणगान अथवा प्रशंसा कर रहे हैं। साथ ही यह भी बताया जाए कि कितने लाइव अथवा पब्लिक शो में गानों को लेकर शिकायत मिलीं और उन पर क्या कार्रवाई की गई।

इसके अलावा हाईकोर्ट ने पूछा कि हथियारों के जाली लाइसेंस रैकेट के खात्मे के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। ऐसे कितने रैकेट की पहचान की गई और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अलावा क्या कार्रवाई की गई। हाईकोर्ट ने इसकी जानकारी प्रत्येक जिले के हिसाब से दिए जाने के निर्देश दिए हैं।

कितने लाइसेंस हुए अबतक कैंसिल 

हाईकोर्ट ने डीजीपी से पूछा कि सार्वजनिक व धार्मिक स्थलों के साथ- साथ विवाह समारोह व अन्य आयोजनों में हथियारों का इस्तेमाल अथवा प्रदर्शन करने पर कितने लाइसेंस कैंसिल करने की सिफारिश डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से की गई। कितनी सिफारिशों को मंजूर किया गया और कितनी नामंजूर की गई। इसके अलावा लाइसेंस के लिए कितने आवेदन मंजूर किए गए और कितने नामंजूर हुए। इनके कारण भी बताए जाएं। हाईकोर्ट ने डीजीपी से पूछा कि राज्य में ऐसे कितने गन हाउस हैं जो बिना लाइसेंस जाली ढंग से काम कर रहे हैं। इनके खिलाफ पुलिस ने क्या कार्रवाई की।

हाईकोर्ट ने इनकी वेरिफिकेशन रिपोर्ट भी दिए जाने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने पूछा कि पुलिस गैर सामाजिक तत्व किसे मानती है और इसे तय करने का क्या आधार है। गैर सामाजिक तत्व मानते हुए कितने हथियारों के लाइसेंस कैंसिल किए गए। गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने 13 नवंबर 2022 को आदेश जारी कर सार्वजनिक स्थानों और सोशल मीडिया पर फायर आम्र्स के उपयोग और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अधिकारियों को अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में अचानक निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया था।