Railway Fact: यात्रीगण कृपया ध्यान दें... जानें रेलवे स्टेशन पर आने वाली किसकी है ये आवाज

Railway Fact: रेलवे स्टेशन पर जब भी कोई अनाउंसमेंट होता है तो स्टेशन पर लगे लाउडस्पीकर्स से आवाज आती है... यात्रीगण कृपया ध्यान दें!... जिसके बाद अधिकतर लोगों के मन में ये सवाल आता है कि आखिर ये आवाज किसी है.
 

The Chopal : कोई भी व्यक्ति अगर अपनी जिंदगी में एक बार भी रेलवे स्टेशन गया है तो उसने वहां एक आवाज तो जरूर सुनी होगी. रेलवे स्टेशन पर जब भी कोई अनाउंसमेंट होता है तो स्टेशन पर लगे लाउडस्पीकर्स से आवाज आती है... यात्रीगण कृपया ध्यान दें!... अब यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या हर स्टेशन पर अलग-अलग आवाज होती हैं या एक ही आवाज को पूरे देश में इस्तेमाल किया जाता है? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब और यह भी कि ये आवाज है किसकी...

किसकी है ये आवाज?

रेलवे स्टेशन पर सुनाई देने वाली यह आवाज सरला चौधरी की है. साल 1982 में सरला चौधरी सहित सैकड़ों उम्मीदवारों ने मध्य रेलवे में उद्घोषक (यानी घोषणा करने वाला) के पद के लिए परीक्षा दी थी. जिनमें से सरला चौधरी का चयन किया गया था. सरला इस नौकरी में दैनिक मजदूरी के आधार पर शामिल हुईं थी यानी की भर्ती के समय वो रेलवे में अस्थाई कर्मचारी थीं. 

आज भी चलती है इनकी आवाज

जब रेलवे ने देखा कि सरला की आवाज का जादू लोगों पर चलने लगा है और यात्रीगण सचमुच ध्यान देने लगे हैं और उनकी आवाज का जादू हर स्टेशन पर नजर आने लगा है तो रेलवे ने साल 1986 में उनको स्थायी कर दिया था. आपको जानकर शायद हैरानी हो कि आज भी देश भर के रेलवे स्टेशनों पर सरला चौधरी की ही प्री रिकॉर्डेड आवाज का इस्तेमाल किया जाता है और नई ट्रेनों के नाम के लिए बीच में दूसरी आवाज एड कर दी जाती है. सरला चौधरी भले ही आज रेलवे में अनाउंसर के पद पर न हों, लेकिन उनकी ये आवाज आज भी काम कर रही है.

ऐसे होता था काम

साल 1986 में जब इस पद को स्थाई किया गया, उस दौर में सरला चौधरी को काफी मेहनत करनी पड़ती थी. उस दौर में उन्हें हर स्टेशन पर पहुंचकर घोषणा करनी पड़ती थी और एक एनाउंसमेंट रिकॉर्ड करने में उन्हें तीन से चार दिन तक भी लग जाते थे. ये अनाउंसमेंट उन्हे कई भाषाओं में भी रिकॉर्ड करने पड़ते थे. बाद में रेलवे ने अनाउंसमेंट की जिम्मेदारी ट्रेन मैनेजमेंट सिस्टम को दे दी.