Railway Knowledge : रेलवे लाइन और रेलवे ट्रैक में क्या अंतर होता है? 90 प्रतिशत लोग नहीं जानतें

भारत में रोजाना लाखों लोग ट्रेन में सफर करते हैं. लेकिन उनमें से 90% लोग भी यह बात नहीं जानते कि रेलवे ट्रैक और रेलवे लाइन में फर्क क्या होता है. यही कन्फ्यूजन हम आपका आज दूर करेंगे.
 

Railway Line And Track Difference : भारत में लाखों लोगों के साथ-साथ आपने भी रेलवे में जरूर सफर किया होगा. क्योंकि रेलवे भारत में यात्रा करने का सबसे आसान और सस्ता साधन है. ट्रेन में यात्रा करते वक्त आपने कभी यह नहीं सोचा होगा की रेलवे ट्रैक और रेलवे लाइन में क्या फर्क होता है. 90% लोग इन छोटी-छोटी बेसिक चीजों पर ध्यान नहीं देते. सामान्य तौर पर लोग रेलवे लाइन और रेलवे ट्रैक को एक जैसा ही समझते हैं. अगर आप भी यह सोच रहे हैं तो बिल्कुल भी ऐसा नहीं है.

रेलवे ट्रैक और रेलवे लाइन के बीच एक बड़ा अंतर होता है. चलिए यह जरूरी जानकारी भी आपको बता देते हैं बिना रेल लाइन तय किए बिना रेलवे ट्रैक तैयार नहीं किया जा सकता. सामान्य तौर पर स्पष्ट शब्दों में बात करें तो पहले रेलवे लाइन निर्धारित की जाती है फिर रेलवे ट्रैक तैयार किया जाता है. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए यदि सरकार यह घोषणा करती है कि लखनऊ से अयोध्या के बीच एक रेलवे लाइन बनेगी और फिर कुछ महीनो के बाद इसमें रेलवे ट्रैक का काम शुरू किया जाएगा. तो यहां यह बात सामने निकलकर आती है कि दोनों एक जैसे नहीं है दोनों में अंतर है.

रेलवे लाइन दो बिंदुओं के बीच की दूरी होती है जैसे लखनऊ और अयोध्या के बीच की दूरी. इन दोनों बिंदु के बीच रेलवे ट्रैक बिछाया जाता है. आमतौर पर लोग ट्रेन की पटरी को रेलवे ट्रैक समझते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. रेलवे ट्रैक में स्टील लोहे की पटरी हैवी स्लीपर और बैलेस्ट होते हैं. इन तीनों को मिलाकर रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाता है.

1 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाने में कितना खर्च,

आमतौर पर 1 किलोमीटर का रेलवे ट्रेक निर्माण करने में 10 से 12 करोड रुपए खर्च होता है. रेल की पटरी लोहे की नहीं बल्कि एक खास तरह की स्टील होती है जिसमें मेंगलॉय को मिलाकर तैयार किया जाता है स्टील पर नमी और ऑक्सीजन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता. जिससे इन पटरियों को जंग नहीं लगता.

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