Rajasthan Ring Road: जालोर जिले में पहले रिंग रोड का होगा निर्माण, कई गांवों में बेहतर होगी यातायात कनेक्टिविटी
 

Rajasthan Road News: राजस्थान में समय के साथ सड़क निर्माण की गति बढ़ाई जा रही है, जिससे आवागमन और कनेक्टिविटी को आसान बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में राजस्थान में एक और रिंग रोड का निर्माण भी किया जाएगा, जो शहर और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

Rajasthan Ring Road: राजस्थान के जालोर जिले का पहला रिंग रोड जिला मुख्यालय पर ही बनाया जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जालोर के भविष्य और यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए क्रियान्वित किया जा रहा है। मुख्य सचेतक और जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग की पहल पर इस रिंग रोड प्रोजेक्ट को राज्य बजट 2025 में स्वीकृति दी गई थी।

कई गांवों को मिलेगा फायदा 

तमाम कयासों के बाद अब जालोर रिंग रोड प्रोजेक्ट की क्रियान्विति की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं और टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। तय एजेंसी की ओर से रूट के लिए दो से तीन विकल्प प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनमें से सबसे फिजिबल रूट का चयन किया जाएगा। विभागीय स्तर पर चर्चा है कि इस प्रोजेक्ट के तहत रिंग रोड का निर्माण नेशनल हाइवे 325 से होकर कोलर, रणछोड़नगर और लेटा गांव के पास तक जालोर शहर को चारों ओर से जोड़ते हुए किया जाएगा।

प्रोजेक्ट डिजाइन रिपोर्ट तैयार

जालोर रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए 2 सितंबर से टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो 17 सितंबर तक पूरी होगी। इस प्रक्रिया में चयनित एजेंसी को रिंग रोड की डीपीआर (विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने की जिम्मेदारी मिलेगी। करीब 80 लाख रुपये की लागत वाले इस काम के तहत एजेंसी भूमि अवाप्ति, फॉरेस्ट क्लियरेंस, विस्तृत डिटेल, रेलवे ओवरब्रिज और प्रोजेक्ट डिजाइन रिपोर्ट तैयार करेगी।

एजेंसी का निर्धारण

जालोर रिंग रोड प्रोजेक्ट की बजट स्वीकृति के बाद करीब एक माह पूर्व टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि उस समय लागत अधिक आने के कारण यह प्रक्रिया रिजेक्ट कर दी गई। अब इस परियोजना को नए सिरे से आगे बढ़ाया गया है। वर्तमान में चल रही टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद एजेंसी का निर्धारण होगा और इसके साथ ही भविष्य में धरातल पर काम शुरू होने की उम्मीद है।

33 किलोमीटर होगा प्रस्तावित रिंग रोड

जालोर जिले में बनने वाले पहले रिंग रोड प्रोजेक्ट की लंबाई प्रारंभिक सर्वे में करीब 33 किलोमीटर आंकी गई है। हालांकि इसकी अंतिम लंबाई और डिज़ाइन डीपीआर बनने के बाद ही तय होगी। इस परियोजना में कुछ हिस्सा फॉरेस्ट लैंड से होकर भी गुजरेगा। इसी कारण टेंडर प्रक्रिया के अंतर्गत चयनित एजेंसी की ओर से रूट का सर्वे, विकल्पों की प्रस्तुति और विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। एजेंसी द्वारा दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक फिजिबल रूट चुना जाएगा। इसके बाद तय रूट पर भूमि अवाप्ति, फोरेस्ट क्लियरेंस और रेलवे ओवरब्रिज जैसे आवश्यक कार्यों की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।