UP के 2 जिलों लखनऊ और गाजियाबाद में इन 25000 फ्लैटों के रेट घटे

UP flat rate : उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषदों को निर्देश दिया है कि वे अपने फ्लैटों और व्यावसायिक भूखंडों की कीमतों में 15% की कमी करें। यह निर्णय राज्य में आवास की उपलब्धता और affordability को बढ़ाने के लिए लिया गया है।
 

The Chopal, UP : हजारों की तादाद में खाली पड़ी संपत्तियों के लिए खरीददारों का टोटा देखते हुए उत्तर प्रदेश (UP news) में एक बार फिर से विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद फ्लैटों और व्यावसायिक भूखंडों की कीमत घटाने की तैयारी में हैं।

लंबे समय से नहीं बिक पा रही संपत्तियों की कीमत घटाकर इन्हें बेचने का एक और प्रयास किया जाएगा। इन संपत्तियों (properties) में बड़ी तादाद में प्राधिकरणों व आवास विकास की विभिन्न आवासीय योजनाओं में बने फ्लैट हैं। सबसे ज्यादा तादाद में फ्लैट लखनऊ व गाजियाबाद में तैयार खड़े हैं जहां इनके खरीददार नहीं मिल रहे हैं। आवास विभाग के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश भर में करीब 25000 से ज्यादा फ्लैट नहीं बिक सके हैं। अकेले आवास विकास परिषद के 10236 फ्लैट तैयार होने के बाद बिक नहीं सके हैं। इनमें से कुछ तो दस साल पहले बने थे। लखनऊ विकास प्राधिकरण की विभिन्न आवासीय योजनाओं में करीब 2800 फ्लैट नहीं बिक सके हैं।

इन फ्लैटों को बेचने के लिए कई बार पंजीकरण खोला गया और अब तो इन्हें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भी आवंटित करने का प्रयास बेनतीजा साबित हो रहा है। आवास विकास परिषद के साथ विकास प्राधिकरण अब तक दो बार इन फ्लैटों की कीमत कीमत गिरा चुका है। बीते महीने ही आवास विकास परिषद ने अपने फ्लैटों की कीमतों में 15 फीसदी तक कमी की थी। अब एक बार फिर से फ्लैटों की कीमत कम करने के साथ ही पुराने बने मकानों की कीमत को फ्रीज करने की कवायद की जाएगी।

आवास विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक कीमत फ्रीज होने के बाद फ्लैट खरीदने वाले को दस साल पहले की ही कीमत देनी होगी। कीमत फ्रीज करने से पहले इन संपत्तियों को अलोकप्रिय घोषित किया जाएगा। खाली फ्लैटों की बिक्री न होते देख कर विकास प्राधिकरणों को अब नए फ्लैट बनाने से पहले मांग आधिरत सर्वे कराने को भी कहा गया है। मांग होने पर ही अब प्राधिकरण फ्लैट बनाएंगे। इतना ही नहीं रकम को फंसने से बचाने के लिए प्राधिकरण और आवास विकास परिषद ने एक बार फिर से निर्मित मकानों के बजाय भूखंडों की बिक्री पर ज्यादा जोर देने का फैसला किया है।

इसी के साथ खाली पड़े व्यावसायिक भूखंडों की बिक्री की कवायद में कई तरह के नियमों में बदलाव किए जाने की तैयारी है। अब इन भूखंडों को खरीदने वालों को व्यावसायिक के साथ ही आवासीय निर्माण की भी अनुमति दी जाएगी। प्रस्तावित नियम के मुताबिक 20000 वर्ग फीट या अधिक के व्यावसायिक भूखंडों पर भूतल पर वाणिज्यिक के साथ बाकी के तलों पर कार्यालय या आवासीय भवनों के निर्माण की अनुमति दी जाएगी।

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