UP के इस जिले में बनेगी रिंग रोड, 25 गांवों की खरीदी जाएगी जमीन, किसानों की होगी चांदी
UP News: उत्तर प्रदेश में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। प्रस्तावित रिंग रोड को लेकर वर्षों से मांग की जा रही थी। अब प्रशासन ने इस परियोजना के पश्चिमी हिस्से पर काम शुरू कर दिया है, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था में बड़े बदलाव की उम्मीद है।
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के साथ-साथ अब शहरों में ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए रिंग रोड परियोजनाओं पर भी तेजी से काम हो रहा है। इसी क्रम में गोंडा जिले के लिए एक अहम राहत की खबर सामने आई है। लंबे समय से अटकी पड़ी गोंडा रिंग रोड परियोजना अब धरातल पर उतरने जा रही है। गोंडा में प्रस्तावित रिंग रोड को लेकर वर्षों से मांग की जा रही थी। अब प्रशासन ने इस परियोजना के पश्चिमी हिस्से पर काम शुरू कर दिया है, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था में बड़े बदलाव की उम्मीद है।
दो चरणों में विकसित होगी रिंग रोड
गोंडा रिंग रोड परियोजना को पूर्वी और पश्चिमी दो भागों में विभाजित किया गया है। फिलहाल पश्चिमी खंड को मंजूरी मिल चुकी है और इसी हिस्से पर शुरुआती निर्माण कार्य किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, पूर्वी हिस्से को लेकर भी भविष्य में प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू
पश्चिमी रिंग रोड को स्वीकृति मिलने के बाद अब भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई तेज कर दी गई है। यह रिंग रोड सदर और कर्नलगंज तहसील के कुल 25 गांवों से होकर गुजरेगी। संबंधित गांवों में जमीन की पहचान कर ली गई है और अधिग्रहण की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रशासन का कहना है कि परियोजना के लिए बजट उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि जमीन अधिग्रहण के बाद निर्माण कार्य में किसी तरह की देरी न हो।
फोरलेन होगी रिंग रोड
गोंडा रिंग रोड को चार लेन (फोरलेन) में विकसित किया जाएगा। पूरी परियोजना की कुल प्रस्तावित लंबाई लगभग 29 किलोमीटर है, लेकिन फिलहाल केवल 21.2 किलोमीटर लंबे पश्चिमी हिस्से को मंजूरी दी गई है। इस चरण के पूरा होने के बाद शेष हिस्से पर काम शुरू किया जाएगा। रिंग रोड का मुख्य उद्देश्य शहर के भीतर बढ़ते ट्रैफिक को बाहर की ओर डायवर्ट करना है, जिससे मुख्य बाजारों और रिहायशी इलाकों में जाम की समस्या कम हो सके।
तीन दिशाओं में बनेंगे बाइपास
परियोजना के तहत गोंडा शहर को लखनऊ, बलरामपुर और बहराइच की ओर जाने वाले मार्गों से जोड़ने के लिए बाइपास बनाए जाएंगे। इसके लिए अलग-अलग स्थानों पर जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। शुरुआती योजना में पूरे रिंग रोड के लिए 8 अंडरपास और 4 रेलवे ब्रिज प्रस्तावित थे। हालांकि पश्चिमी हिस्से को ही अभी मंजूरी मिलने के कारण इस चरण में 3 रेलवे ब्रिज और छोटे-बड़े कुल 7 पुलों का निर्माण किया जाएगा।
ट्रैफिक व्यवस्था होगी बेहतर
रिंग रोड बनने से शहर में यातायात का दबाव काफी हद तक कम होगा। स्थानीय वाहन शहर के अंदर निर्धारित मार्गों से आवागमन कर सकेंगे, जबकि बाहर जाने वाले भारी और लंबी दूरी के वाहन रिंग रोड का उपयोग करेंगे। रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण से फाटकों पर लगने वाले जाम से भी राहत मिलेगी और आपातकालीन सेवाओं को भी सुगम मार्ग उपलब्ध होगा।
पश्चिमी रिंग रोड का प्रस्तावित रूट
पश्चिमी रिंग रोड की शुरुआत अयोध्या मार्ग पर पराग डेयरी के पास से होगी। यह मार्ग कटहा घाट होते हुए लखनऊ मार्ग पर हारीपुर स्थित आईटीसी से जुड़ेगा। इसके बाद यह बहराइच रोड पर रुद्रपुर विसेन के रास्ते आगे बढ़ते हुए बलरामपुर मार्ग पर दत्तनगर के पास कनेक्ट होगा।
इन गांवों से होगी जमीन की खरीद
पश्चिमी रिंग रोड के लिए जिन गांवों में भूमि अधिग्रहण प्रस्तावित है, उनमें कर्नलगंज तहसील के चांदपुर, दुल्लापुर तरहर और सदर तहसील के सिंधाव, पड़रीशंकर, इमरती विसेन, रुद्रपुर विसेन, पूरे हेमराज, करनीपुर, मथुरा चौबे, कपूरपुर, इंदिरापुर, भदुआ तरहर, पूरे ललक, दुल्लापुर खालसा, पूरे शिवा बख्तावर, बनवरिया, उम्मेदजोत, दत्तनगर विसेन, कटहामाफी, हारीपुर और पड़री कृपाल शामिल हैं।
शहर के विकास को मिलेगा नया आधार
प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि रिंग रोड के निर्माण से न केवल यातायात व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि गोंडा के आर्थिक विकास, व्यापार और शहरी विस्तार को भी नई दिशा मिलेगी। आने वाले वर्षों में यह परियोजना जिले के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकती है।