उन्नाव में होगा 80 गांवों की सड़कों का होगा सुधार, 159 सड़कों पर खर्च होंगे 158 करोड़
UP News : उत्तर प्रदेश के 80 गांव की जर्जर हो चुकी सड़कों को नए सिरे से चकाचक बनाया जाएगा. इन सड़कों पर आवागमन करने पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. प्रदेश के 6 विधानसभा इलाकों के ग्रामीणों का आवागमन आसान हो जाएगा. इन सड़कों की हालत लंबे समय से खस्ता हो चुकी थी. इन सड़कों पर सफर करने से लोगों का ज्यादा समय के अलावा ज्यादा तेल भी खपत होता है. विभाग की तरफ से इन सड़कों का निर्माण प्रस्ताव तैयार करवाया गया है.
159 सड़कों की मरम्मत
उन्नाव जिले के 80 गांवों को जोड़ने वाली 159 सड़कों की मरम्मत की जाएगी। PWD ने सांसदों और विधायकों के अनुरोध पर 158 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। इन सड़कों को नाबार्ड योजना के तहत बनाया जाएगा, जिससे छह विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिलेगा और ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा मिलेगी। राज्य के 80 गांवों को जोड़ने वाली 159 सड़कें सुधारी जाएंगी। लंबे समय से यह सड़कें खस्ताहाल हैं।
दो लाख ग्रामीणों को मिलेगा फायदा
लगभग दो लाख ग्रामीणों को इससे परेशानी हो रही है। पीडब्ल्यूडी ने इन सड़कों के निर्माण के लिए प्रस्ताव सांसदों और विधायकों से लिया था। विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें बजट 158 करोड़ रुपये की मांग की गई है। बजट मिलने के बाद इन महत्वपूर्ण संपर्क मार्गों को बनाया जाएगा, जो लंबे समय से खस्ताहाल पड़े दो गांवों को जोड़ेंगे। नाबार्ड योजना प्रमुख सड़कों का निर्माण करेगी। इन सड़कों को ग्रामीण क्षेत्रों में एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए बहुत जरूरी है। वहीं खराब मौसम के कारण लोग दूसरे रास्ते से भागते हैं।
वर्षा के दौरान इन सड़कों पर चलना मुश्किल
भले ही दूसरा रास्ता चुनने पर कुछ किमी अधिक चक्कर लगता है। वर्षा के दौरान इन सड़कों पर चलना बहुत मुश्किल होता है। ग्रामीणों ने इन समस्याओं से दो चार हो रहे खराब मार्गों के लिए सांसदों और विधायकों से गुहार लगाई थी। इसके बाद सभी विधायक, एमएलसी सहित सांसद साक्षी महाराज। छह तहसीलों के 159 मार्गों को पक्का करने का प्रस्ताव दिया गया था, लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशाषी अभियंता हरदयाल अहरिवार ने बताया। योजना पर पीडब्ल्यूडी ने सर्वे कराकर कार्ययोजना बनाई। इससे 158 करोड़ का प्रस्ताव बनाया गया है। जो सरकार को भेजा गया है।
यह मार्ग छह विधानसभाओं में शामिल है
सांसद, विधायक और एमएलसी के प्रस्ताव पर सर्वे के माध्यम से निर्धारित किए गए सड़कों के निर्माण से राज्य की सभी छह विधानसभाओं के ग्रामीणों को फायदा होगा। यह ग्रामीण सड़क खराब होने से ग्रामीण लोगों को आवागमन के दौरान अन्य काम करने में परेशानी होती है।