Jamin Ka Sarkari Rate: ज़मीन के सरकारी रेट का इस प्रकार करें पता, ऑनलाइन मिलेगा पूरा प्रोसेस
 

Government rate of land : जमीन खरीदने से पहले आपको जमीन के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है। कैसे जमीन की रजिस्ट्री,  जमीन का सरकारी रेट और बहुत कुछ जमीन के बारे में जानना आपको बहुत जरूरी हो जाता है। चलो हम आज आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं

 

The Chopal : ज़मीन बेचने या खरीदने वालों को उस इलाके की सरकारी दरें जानना चाहिए, लेकिन कुछ लोगों को पता नहीं है कि सरकारी दरें कैसे पता करें।
 क्या आप राज्य की जमीन की सरकारी दरें या कीमतें जानना चाहते हैं? दरअसल, बहुत से लोगों को किसी एरिया या शहर की जमीन का सरकारी भाव (जैमिन का सरकारी दर क्या है) जानना चाहिए, लेकिन वे नहीं जानते। आजकल किसी भी जमीन का सरकारी मूल्य जानना बहुत ही आसान हो गया है। इसका कारण यह था कि पहले इसके लिए बहुत देर तक प्रतीक्षा करनी पड़ती थी (Jamin ki sarkari kimat kya hai) सरकारी कार्यालय या तहसील कार्यालय। ऊपर से अधिकारियों का बुरा व्यवहार या टालमटोल व्यवहार बहुत दुखदायी था। उस सरकारी जमीन का गलत अर्थ भी हमें कभी-कभी बताया जाता था, जिससे हमें नुकसान हुआ था।

ऐसे में यदि आप सरकारी जमीन का रेट पता करना का तरीका जान चाह रहे हैं और इसके लिए क्या किया जाए और क्या नही, के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आज के इस लेख में आपको जमीन की सरकारी कीमत कैसे पता करें के बारे में ही बताया जाएगा। आइए जाने जमीन का सरकारी रेट कैसे पता किया जा सकता हैं।

जमीन का सरकारी रेट कैसे पता करें? (Jamin ka sarkari rate kaise jane)

किसी भी जमीन का सरकारी रेट पता करने के लिए अब पहले के जैसे आपको किसी सरकारी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नही हैं। इसके लिए भारत की हर राज्य सरकार के द्वारा ऑनलाइन व्यवस्था की गयी हैं। आपको बस अपने राज्य की सरकारी वेबसाइट पर जाकर वहां से किसी भी क्षेत्र की जमीन का सरकारी रेट पता करना होता हैं।

किसी भी जमीन का सरकारी भाव पता करने से पहले आपका यह जानना आवश्यक हैं कि सरकारी भाव आखिरकार होता क्या है और यह कैसे निर्धारित होता है। इसके साथ ही किसी भी जमीन का सरकारी भव कहां लिखा होता है और यह कैसे मिल सकता है। आइए जाने इन सभी के बारे में विस्तार से।

जमीन का सरकारी रेट क्या है (Jamin ka sarkari rate kya hota hai)

किसी भी जमीन का सरकारी रेट आखिरकार होता क्या हैं। दरअसल भारत के हर राज्य के अंतर्गत आने वाली कोई भी जमीन फिर चाहे वह शहर में हो या कस्बे में या गाँव में या कहीं ओर, हर जमीन की कीमत वहां की राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित की जाती हैं।

इस जमीन की कीमत का निर्धारण वहां की राज्य सरकार के राजस्व विभाग के द्वारा किया जाता हैं। यह सब कुछ वहां के MVR रजिस्टर में अंकित होता हैं। पहले यह केवल इसी रजिस्टर में अंकित रहा करता था लेकिन आज के समय में बढ़ते आधुनिकीकरण के कारण यह सब जानकारी ऑनलाइन भी प्रविष्ट कर दी गयी हैं।

जमीन का सरकारी रेट क्यों पता करते है?

अब आप जानना चाहेंगे कि आखिरकार किसी भी जमीन का सरकारी रेट पता करने की आवश्यकता क्यों पड़ती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब भी आप किसी सजमीन का सौदा करने चाहेंगे फिर चाहे वह जमीन आपको बेचनी हो या खरीदनी हो तो आपके अपने यहाँ के तहसील कार्यालय में जाकर उस जमीन की रजिस्ट्री करवानी होगी।

बिना किसी जमीन की रजिस्ट्री करवाए आप वो जमीन ना तो बेच सकते हैं और ना ही खरीद सकते हैं। इसके साथ ही उस जमीन के साथ एक स्टाम्प ड्यूटी लगाना भी अनिवार्य होता हैं। अब चाहे आपने उस जमीन का सौदा कितने में भी कुया हो इससे अंतर नही पड़ता। आपने जो जमीन खरीदी या बेचीं हैं, उसकी सरकारी कीमत क्या हैं, उसी से ही जमीन की रजिस्ट्री व स्टाम्प ड्यूटी निर्धारित होती हैं।

MVR क्या होता है (MVR circle rate)

ऊपर हम ने आपको एमवीआए के बारे में बताया लेकिन आपके मन में यह शंका होगी कि आखिरकार यह MVR होता क्या हैं या फिर इसका जमीन के सरकारी रेट से क्या संबंध हैं। तो सबसे पहले आपका MVR का पूरा नाम या फुल फॉर्म जानने की आवश्यकता है।

MVR की फुल फॉर्म Minimum Value Register of Land होता हैं जिसका अर्थ हुआ किसी भी जमीन की न्यूनतम रजिस्टर कीमत। एक तरह से यह एक ऐसा सरकारी रजिस्टर होता है जहाँ पर हर भूखंड की न्यूतम कीमत लिखी होती हैं।

उदाहरण के तौर पर आप कान्हा गाँव में 3 नंबर जमीन की सरकारी कीमत पता करना चाह रहे हैं। अब सरकारी MVR रजिस्टर में उसकी कीमत 5 लाख हैं तो आप वह जमीन 5 लाख से कम में ना तो बेच सकते हैं और ना ही खरीद सकते हैं। यह कोई निर्धारित नही हैं। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि आप उस जमीन को 5 लाख से ज्यादा खरीदने या बेचने के लिए बाध्य नही हैं।

स्टांप ड्यूटी क्या होती है? (Stamp duty kya hoti hai)

अब आपके मन में यह प्रश्न उठ रहा होगा कि आखिरकार यह स्टांप ड्यूटी किसे कहते हैं। दरअसल यदि आपने पहले कभी स्टांप ड्यूटी के बारे में नही सुना हैं तो आज इसके बारे में जान लीजिए क्योंकि यह किसी जमीन के सौदे के समय बहुत महत्वपूर्ण होती हैं।

जब भी आप किसी को जमीन बेचेंगे या खरीदेंगे तो आपको तहसील कार्यालय में जाकर वहां उस जमीन की रजिस्ट्री किसी और के नाम करवानी होगी। उस समय उस जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए वहां की सरकार के द्वारा एक सरकारी कर या गवर्नमेंट टैक्स लिया जाता हैं। इसी टैक्स को स्टांप ड्यूटी के नाम से जाना जाता हैं।

यह स्टांप ड्यूटी वहां के क्षेत्र की जमीन की कीमत तथा रह्य सरकार के राजस्व विभाग के द्वारा लगाए जा आरहे टैक्स पर निर्धारित होती हैं। इसलिए पहले आपको उस जमीन पर लगने वाले सरकारी कर के बारे में पता करना होगा और फिर उतने की ही स्टांप ड्यूटी लेनी होगी।

सर्किल रेट क्या होता है?

जमीन का सरकारी रेट पता करते समय आपके मन में यह प्रश्न या शंका भी उठी होगी कि आखिरकार यह सर्किल रेट क्या होता हैं। दरअसल किसी भी जमीन का सरकारी रेट पता करने के लिए सर्किल रेट ही सबसे महत्वपूर्ण माना जाता हैं।

इसे एक उदाहरण से समझिये। दो जमीन जो एकदम पास में हैं और उनका क्षेत्रफल भी सामान हैं। तो ऐसी स्थिति में सरकार के द्वारा पहली जमीन की कीमत में और दूसरी जमीन की कीमत में कोई अंतर नही होगा। यदि पहली जमीन की सरकारी कीमत 2 लाख हैं तो दूसरी जमीन की भी उतनी ही कीमत होगी।

एक तरह से सरकार के द्वारा एक एरिया, सर्किल या क्षेत्र में हर भूखंड का एक रेट निर्धारित किया जाता हैं। अब उस सर्किल में जितने भी घर या जमीन आएंगे, उनका वही रेट होगा, ना कम और ना ज्यादा।

जमीन की सरकारी कीमत कैसे पता करें? (Jamin ki sarkari kimat kya hai)

अब बात करते हैं कि आप ऑनलाइन किसी जमीन का सरकारी रेट कैसे पता कर सकते हैं। दरअसल इसके लिए हर राज्य सरकार के द्वारा अलग अलग वेबसाइट दी गयी (Jameen ka sarkari rate kaise pata kare) हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि आप अपने राज्य की जमीन का सरकारी रेट देखने के लिए भारत सरकार की कोई वेबसाइट का इस्तेमाल नही कर सकते हैं।

इसके लिए आपको अपने राज्य सरकार की ही वेबसाइट पर जाना होगा और वहां दिए गए चरणों का पालन करना होगा। इसी तरह से आप वहां की जमीन का सरकारी रेट पता कर पाएंगे।