Supreme Court: क्या सूचना देरी से देने पर इंश्योरेंस कंपनी क्लेम के लिए कर सकती है मना, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

Supreme Court : बीमा कंपनियों ने छोटे-मोटे कारणों से अक्सर आम लोगों का बीमा क्लेम रिजेक्ट कर दिया है। इसलिए बहुत से लोगों को अपनी पूरी बचत लगानी पड़ती है। वहीं जरूरत के समय लोगों को पैसे नहीं मिलते। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। ये आदेश क्लेम रिजेक्ट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं।

 

The Chopal, Supreme Court : आजकल देखने में लगभग ज्यादातर लोगों के पास कार है। कितने लोग दोपहिया हैं, कितने तीनपहिया या चारपहिया हैं। लोग अपनी मेहनत से कार-बाइक खरीदते हैं। कोई अपने कार्यालय जाने के लिए, तो कई लोग कमर्शियल (वाहन) खरीदकर कमाई करते हैं। लेकिन आजकल की परिस्थितियों में अगर आपका व्हीकल चोरी हो जाए तो क्या करेंगे? लोग इससे परेशान हो जाते हैं और नहीं जानते कि क्या करना चाहिए। 

वास्तव में, आजकल ऐसे मामले बढ़ने लगे हैं। इंश्योरेंस कंपनियां इस क्षति का भुगतान करती हैं। लेकिन अक्सर वाहन चोरी की जानकारी इंश्योरेंस कंपनी को देने में देरी होती है। इसी से इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम देने से मना कर देती हैं। लेकिन ग्राहक को इस मामले में कुछ कानूनी अधिकार दिए गए हैं। जिसके चलते आप बीमा कर सकते हैं:

ये निर्णय सर्वोच्च न्यायालय ने दिया

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर निर्णय दिया था, जिससे जस्टिस एनवी रमन्ना, आर सुभाष रेड्डी और बीआर गवई की बेंच ने कहा कि वे इस निर्णय से सहमत हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इंश्योरेंस क्लेम देने से मना करने के मामले में, गाड़ी चोरी की जानकारी देने में देरी होने को आधार बनाकर सुप्रीम कोर्ट हाइपर टेक्निकल व्यू अपनाएगा।

कंपनियों का अनुरोध अस्वीकार

इस मामले में ग्राहक के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इंश्योरेंस कंपनियों की मांग को न्यायालय ने खारिज कर दी. बेंच ने कहा कि अगर मामले की जानकारी तुरंत पुलिस को दी जाती है तो खोजने की प्रक्रिया पारदर्शी और तेज होनी चाहिए। वाहन चोरी के मामले में सर्वेयर और इंश्योरेंस कंपनी की भूमिका सीमित है। इसलिए, वीकिल इंश्योरेंस गाइडलाइन के अनुसार अगर पुलिस को सूचना दी जाती है और इंश्योरेंस कंपनी को सूचना देने में देरी होती है, तो कंपनियां इसे आधार बनाकर क्लेम को नकार नहीं सकती हैं। इसमें कंपनी को ग्राहक के निरंतर सहयोग की आवश्यकता होगी।