Supreme Court का आदेश, नेशनल हाईवे के लिए जमीन देने वालों को मिलेंगे ये फायदे

Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जमीन देने वाले भूमालिकों को राहत दी है। वास्तव में, न्यायालय ने फैसला दिया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहण की जाने वाली जमीन के लिए मुआवजा और कर भी देना होगा।
 

The Chopal (New Delhi) : सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जमीन देने वाले भूमालिकों को राहत दी है। राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहण की जाने वाली जमीन के लिए मुआवजा और कर भी देना होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 3 जे को सुप्रीम कोर्ट ने गैरसंवैधानिक घोषित किया।

धारा-3 जे ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहण की गई जमीन पर भूमि अधिग्रहण अधिनियम लागू नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित जमीन पर भी भूमि अधिग्रहण अधिनियम लागू होगा. इसका अर्थ है कि अधिग्रहण की एवज में ज़मीन की कीमत के साथ मुआवजा और ब्याज भी देना होगा।

नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 3 जे को जस्टिस रोहिंटन नरीमन और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने असंवैधानिक घोषित किया है। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहण की गई जमीन अधिग्रहण के दायरे में नहीं आती थी। दरअसल, 1997 में सरकार ने NHAI एक्ट में संशोधन कर इस धारा को जोड़ा। NHAI को पहले दी गई जमीन भी अधिग्रहण के दायरे में आई।

केंद्र सरकार ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में एक व्यक्ति ने नेशनल हाईवे के लिए जमीन देने के बदले दिए गए भुगतान से असंतोष व्यक्त किया था। हाईकोर्ट ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन मालिक को मुआवजा और ब्याज भी देना होगा। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय खारिज कर दिया।

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